ज़िंदगी है आपसे
ज़िंदगी है आपसे,
घर, घर लगता है आपसे,
आपके अनुभव की छांव से,
महकती है इस जीवन की फुलवारी,
हाँ , माँ-बाबूजी आप ही से ज़िंदगी है हमारी,
मंज़िले आसानी से नही मिलती,
गर आप साथ न देते,
आपके आर्थिक सबल से ही,
चलती है इस जीवन की गाड़ी,
हाँ, साजन जी आप ही से ज़िंदगी है हमारी,
आपकी शरारतो से खिलखिलाता,
घर-आँगन, मिलती मुस्कुराहटों की सौग़ातें,
आप ही है इस घर की रौनक़,
आप पर जायें बलिहारी,
हाँ, मेरे बच्चों आप ही से ज़िंदगी है हमारी,
रहे हँसता-बसता परिवार सभी का,
क्यूँकि परिवार ही से ज़िंदगी है हमारी