गोवर्धन (कुंडलिया)
गोवर्धन 【 कुंडलिया 】
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हारा इंद्र महाबली , मद में बैठा चूर
नशा किया श्री कृष्ण ने ,गोवर्धन से दूर
गोवर्धन से दूर , सहज गिरिराज उठाया
फुफकारा पर इंद्र ,नहीं कुछ भी कर पाया
कहते रवि कविराय ,आत्मनिर्भरता .द्वारा
केशव का संदेश , शत्रु बलशाली हारा
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश). मोबाइल 99976 15451