Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Oct 2021 · 1 min read

गुस्से का गजल

————————————————-
क्यों हो नहीं सकता, यहाँ गुस्से का गजल।
जीते हैं लोग हर दिन यहाँ गुस्से का गजल।
प्यार सिर्फ कथाओं में है जीता हुआ मिला।
व्यवहार में सुनते-सुनाते वे गुस्से का गजल।
कत्ल के लिए उठे थे हाथ स्नेह से दोस्तो।
इसलिए कहेंगे नहीं था गुस्से का ये गजल।
दर्जे से निम्न कहना दर्जे से निम्न रखना।
क्या है नहीं रचा-बसा गुस्से का एक गजल।
गुस्से के इस गजल में ग्लानियां हैं बहुत।
जीते हुए मरते रहने में गुस्से का है गजल।
करवट बदल, न डर, तुमको तेरी बड़ी कसम।
लिखने उठाओ क्रोध में गुस्से का वो गजल।
गाओ,लिखो,कहो,सुनो गुस्से का वह गजल।
झेलते जीते रहे जो अंत्यज्य सा वह गजल।
विद्रोह नहीं है,‘हक को’ अधिकार सा मांगना।
हक के लिए गाना तुझे है गुस्से का ही गजल।
———————————————————-

Language: Hindi
151 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"गुल्लक"
Dr. Kishan tandon kranti
#आज_का_आह्वान
#आज_का_आह्वान
*Author प्रणय प्रभात*
(3) कृष्णवर्णा यामिनी पर छा रही है श्वेत चादर !
(3) कृष्णवर्णा यामिनी पर छा रही है श्वेत चादर !
Kishore Nigam
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....!
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....!
Deepak Baweja
कायम रखें उत्साह
कायम रखें उत्साह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कदमों में बिखर जाए।
कदमों में बिखर जाए।
लक्ष्मी सिंह
2786. *पूर्णिका*
2786. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हाइकु haiku
हाइकु haiku
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सितारा
सितारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
विडम्बना
विडम्बना
Shaily
*पहचान* – अहोभाग्य
*पहचान* – अहोभाग्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*जिनसे दूर नहान, सभी का है अभिनंदन (हास्य कुंडलिया)*
*जिनसे दूर नहान, सभी का है अभिनंदन (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सहयोग की बातें कहाँ, विचार तो मिलते नहीं ,मिलना दिवा स्वप्न
सहयोग की बातें कहाँ, विचार तो मिलते नहीं ,मिलना दिवा स्वप्न
DrLakshman Jha Parimal
जन्म-जन्म का साथ.....
जन्म-जन्म का साथ.....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
विद्यादायिनी माँ
विद्यादायिनी माँ
Mamta Rani
कस्ती धीरे-धीरे चल रही है
कस्ती धीरे-धीरे चल रही है
कवि दीपक बवेजा
वक्त आने पर भ्रम टूट ही जाता है कि कितने अपने साथ है कितने न
वक्त आने पर भ्रम टूट ही जाता है कि कितने अपने साथ है कितने न
Ranjeet kumar patre
खुद को मसखरा बनाया जिसने,
खुद को मसखरा बनाया जिसने,
Satish Srijan
इंसान जीवन क़ो अच्छी तरह जीने के लिए पूरी उम्र मेहनत में गुजा
इंसान जीवन क़ो अच्छी तरह जीने के लिए पूरी उम्र मेहनत में गुजा
अभिनव अदम्य
सुना है सपने सच होते हैं।
सुना है सपने सच होते हैं।
Shyam Pandey
सौतियाडाह
सौतियाडाह
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
संस्कार संस्कृति सभ्यता
संस्कार संस्कृति सभ्यता
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ऐसा क्या लिख दू मैं.....
ऐसा क्या लिख दू मैं.....
Taj Mohammad
तुमसे मोहब्बत हमको नहीं क्यों
तुमसे मोहब्बत हमको नहीं क्यों
gurudeenverma198
*चुप रहने की आदत है*
*चुप रहने की आदत है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
फिरकापरस्ती
फिरकापरस्ती
Shekhar Chandra Mitra
कलम की वेदना (गीत)
कलम की वेदना (गीत)
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
शेखर सिंह
Banaras
Banaras
Sahil Ahmad
Loading...