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28 Jan 2020 · 1 min read

ग़म बढ़े थे उन्हें गम दिखाने के बाद

जब मिले हम उन्हें एक जमाने के बाद।
गम़ बढ़े थे उन्हें गम दिखाने के बाद।

आखिरी वक्त था सँग रहे वो नहीं-
काश ! आते नहीं मेरे जाने के बाद।

ढूँढती रह गई ये नज़र आपको-
छुप गये थे कहां दिल दुखाने के बाद।

कर दिया सब बयां दर्द छुपता नहीं-
कम हुआ दर्द कोई छुपाने के बाद।

ढूंढते हम रहे थे उन्हें जिन्दगी-
छुप गये थे नज़र वो मिलाने के बाद।

रूठ कर मुझसे आखिर चले क्यों गये-
प्यार के नाम पर वो सताने के बाद।

अब तलक उनसे मुझको क्या हासिल हुआ-
आ गये जिन्दगी ये मिटाने के बाद।

✍️पं.सजीव शुक्ल ‘सचिन’

3 Likes · 1 Comment · 253 Views
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