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2 Dec 2021 · 1 min read

खिलौना

हुस्न की मल्लिका हो और रूप हैं सलोना
तू मिरे कम्बल थी और मैं था तेरा बिछौना
जिसे तुम चीज समझ के खेल रही हो ना
वो चीज दिल है मिरे नही है तिरे खिलौना

वो मिरे मोहब्बत को लगे थे मापने-तौलने
तो कह दिए हम भी नहीं कोई औना-पौना

झूठी हर बात थी और झूठा था प्यार तेरा
कमजोर हो गया ये मोहब्बत हो गया बौना

©® प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छःग)

1 Like · 343 Views
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