अंधकार युग
हाल न पूछो
फकीरों का
खाना ख़राब
कबीरों का…
औने-पौने
दामों में
होता सौदा
जमीरों का…
सच को सूली
मिलनी तय
आया दौर
वजीरों का…
दरबारी
कवियों के आगे
कौन सुने गीत
नजीरों का…
Shekhar Chandra Mitra
#FreedomOfSpeech
हाल न पूछो
फकीरों का
खाना ख़राब
कबीरों का…
औने-पौने
दामों में
होता सौदा
जमीरों का…
सच को सूली
मिलनी तय
आया दौर
वजीरों का…
दरबारी
कवियों के आगे
कौन सुने गीत
नजीरों का…
Shekhar Chandra Mitra
#FreedomOfSpeech