Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2020 · 2 min read

कोरोना कोविद19, योद्धाओं को समर्पित मेरी दुआएं!

✍️
कोरोना कोविद19, योद्धाओं को समर्पित मेरी दुआएं! विश्व आपदा के समय सभी #चिकित्सक, नर्सेज, सेना, पुलिस, मीडिया कर्मी और सभी स्वयंसेवी वॉलिंटियर्स आप सभी रियल जिंदगी के #नायक हैं। सब जानते हैं पूरा विश्व ठहरा हुआ है, बंद है लेकिन हॉस्पिटल्स हमेशा खुले हैं। चिकित्सक और आप सभी अपनी स्वास्थ्य की चिंता किए बिना, अशोभनीय व्यवहार के बीच, कोरोना वायरस पीड़ित मरीजों की देखभाल बहुत ही मनोयोग से कर रहे हैं। आप सभी के #सम्मान में, हमारा सभी का #धन्यवाद शब्द काफी छोटा है।

इनमें से कई तो अपने घर से दूर, बिना नींद पूरी किए, बिना खाना खाए और ना ही पूरी सतर्कता उपकरण, उसके बावजूद वह हम सब की सेवा में लगे हुए हैं। जहां ना मीडिया पहुंच पाया ना कोई सुविधा, फिर भी अपने कार्य में पूरे मनोयोग से जुटे हुए हैं, और कई तो बीमारी की चपेट में भी आ चुके हैं, लेकिन उफ तक नहीं कर रहे हैं। उनमें से कोई किसी का पिता,भाई, बेटा, दामाद, पति, मां, पत्नी, बहन, बेटी भी होंगे।कोरोना कोविद19, योद्धाओं को समर्पित मेरी दुआएं!

जैसे मैं अपने बच्चों के लिए सोचती हूं,

काश! मैं उन दूसरे सभी

बच्चों के लिए कुछ कर पाती।

और तो कुछ नहीं बस

अपने शब्दों को सारी #दुआओं में गूंथ

पहना देती कोई ताबीज बनाकर।

नहला सकती आशीर्वादों के रंग में,

ताकि कोई भी ताकत

बदरंग ना कर सके तुम्हारे जीवन को।

खींच सकती कोई लकीर,

अभेद्य #सुरक्षाकवच की तरह,

जिसे कोई भेद ना सके।

काश! मैं जानती

गढ़ना शब्दों को, किसी रक्षामंत्र में,

और कर देती स्वाहा

सारी विपत्तियों को किसी हवनकुंड में।

काश! कोई ऐसा हुनर जान पाती

जिससे, उतार दूं उन सब की

नजर, कर दूं टोटका,

जो हैं, घरों से बाहर खतरों के बीच।

ताकि तुम सब निश्चित हो

सो पाते, ले सकते सांस

चैन की, बस यह कर सकती

ताकि #तेरे #मेरे सभी के बच्चे

सुरक्षित हो जाएं,

काश! कोई जादुई छड़ी मिलती

जिसे घुमा, सबसे पहले

कर देती उन सभी बच्चों को सुरक्षित

ताकि आप और मैं

सो सकते सुकून की नींद।
_____मनु वाशिष्ठ

Language: Hindi
Tag: लेख
4 Likes · 6 Comments · 473 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manu Vashistha
View all
You may also like:
नयी भोर का स्वप्न
नयी भोर का स्वप्न
Arti Bhadauria
कड़वा सच~
कड़वा सच~
दिनेश एल० "जैहिंद"
प्रणय 3
प्रणय 3
Ankita Patel
औरों के धुन से क्या मतलब कोई किसी की नहीं सुनता है !
औरों के धुन से क्या मतलब कोई किसी की नहीं सुनता है !
DrLakshman Jha Parimal
ना वह हवा ना पानी है अब
ना वह हवा ना पानी है अब
VINOD CHAUHAN
हरे! उन्मादिनी कोई हृदय में तान भर देना।
हरे! उन्मादिनी कोई हृदय में तान भर देना।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
वेतन की चाहत लिए एक श्रमिक।
वेतन की चाहत लिए एक श्रमिक।
Rj Anand Prajapati
साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
Sahil Ahmad
जीवन में प्राकृतिक ही  जिंदगी हैं।
जीवन में प्राकृतिक ही जिंदगी हैं।
Neeraj Agarwal
समर्पण.....
समर्पण.....
sushil sarna
राम-वन्दना
राम-वन्दना
विजय कुमार नामदेव
✍️दोस्ती ✍️
✍️दोस्ती ✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
जय भोलेनाथ
जय भोलेनाथ
Anil Mishra Prahari
टूटा हूँ इतना कि जुड़ने का मन नही करता,
टूटा हूँ इतना कि जुड़ने का मन नही करता,
Vishal babu (vishu)
2389.पूर्णिका
2389.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"एक शोर है"
Lohit Tamta
आकर फंस गया शहर-ए-मोहब्बत में
आकर फंस गया शहर-ए-मोहब्बत में
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
"सोचिए जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
((((((  (धूप ठंढी मे मुझे बहुत पसंद है))))))))
(((((( (धूप ठंढी मे मुझे बहुत पसंद है))))))))
Rituraj shivem verma
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
गीत- अमृत महोत्सव आजादी का...
गीत- अमृत महोत्सव आजादी का...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*गली-गली में घूम रहे हैं, यह कुत्ते आवारा (गीत)*
*गली-गली में घूम रहे हैं, यह कुत्ते आवारा (गीत)*
Ravi Prakash
बस कट, पेस्ट का खेल
बस कट, पेस्ट का खेल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कैसी ये पीर है
कैसी ये पीर है
Dr fauzia Naseem shad
"अपेक्षा"
Yogendra Chaturwedi
पहचान तो सबसे है हमारी,
पहचान तो सबसे है हमारी,
पूर्वार्थ
जब हमें तुमसे मोहब्बत ही नहीं है,
जब हमें तुमसे मोहब्बत ही नहीं है,
Dr. Man Mohan Krishna
कुर्सी खाली कर
कुर्सी खाली कर
Shekhar Chandra Mitra
पैसा होय न जेब में,
पैसा होय न जेब में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
रामचरितमानस
रामचरितमानस
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
Loading...