कुंठा
दमित इच्छाएं भाग्य से लड़ें,
भाग्य अपने प्रारब्ध से लड़ें ,
प्रारब्ध की कड़ी मनुष्य की समझ में न आए ,
तो वो भिन्न प्रकार की कुंदाओं से भिड़े ।
दमित इच्छाएं भाग्य से लड़ें,
भाग्य अपने प्रारब्ध से लड़ें ,
प्रारब्ध की कड़ी मनुष्य की समझ में न आए ,
तो वो भिन्न प्रकार की कुंदाओं से भिड़े ।