Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Nov 2021 · 4 min read

कर्पूर एक–गुण अनेक

इसमें ‘कपूर’ के धार्मिक और औषधीय गुणों के प्रयोग की व्याख्या की गई है।
आशा है लेख पसंद आयेगा
——————————-
।कर्पूर एक।।
।गुण अनेक।
—————————

कर्पूर अथवा आम भाषा में जिसे कपूर कहते हैं; एक ऐसा पदार्थ है जिसे भारतवर्ष में हर घर में किसी न किसी रूप में प्रयोग में लाया जाता है।किसी घर में यह पूजा,हवन और कहीं यह कपड़ों में कीड़े न लगने के लिये रखा होता है।

इसका उदगम् चीन,ताईवान; वियतनाम और जापान आदि देशों में पाये जाने वाले एक पेड़ की छाल को उबाल कर प्राप्त किया जाता है।इन देशों में यह पेड़ बाग़ों में सौंदर्य बढ़ाने के लिये लगाया जाता है।

आयुर्वेद की बहुत सी दवाईयां में भी प्रयोग होता है।यहाँ तक होम्योपैथी की दवा ‘CAMPHOR’ भी इससे बनाई जाती है।यह हैज़ा रोकने के लिये सबसे उपयुक्त मानी जाती है।और बहुत सी होमियोपैथी की दवाओं के विष का प्रतिरोध भी करती है अर्थात यदि किसी होम्योपैथी की दवा रा दुष्प्रभाव होता है तो वह camphor से दूर किया जा सकता है।दस्त लगने पर खाने वाली कपूर की आधी टिकिया पानी के साथ काली मोटी इलायची;छोटी इलायची:अजवायन और कीन लौंग के साथ उबाल लें। चौथाई पानी रहने पर थोड़ा थोड़ा पिलायें।दस्; उलटी रुक जायेंगीं।

कर्पूर के एक और गुण की चर्चा करते हैं;यह चर्म रोगों में बहुत उपयोगी है।यदि कभी दाद,खाज,अथवा खुजली हो जाये तो कर्पूर की दो टिकिया को दो चम्मच नीम के अथवा नारियल तेल में डाल दें;थोड़ा गर्म कर लें;थोड़ा ठंडा होने पर त्वचा पर लगा लें।हफ़्ते भर में खुजली ग़ायब ।

यदि कहीं त्वचा जल गयी है तो कर्पूर को नारियल के तेल में मिलायें और जली जगह पर लगाायें।विश्वास कीजिये कि आप की त्वचा पहले जैसी हो जायेगी।समय कुछ ज्यादा लग सकता है। यह सब स्वयं सिद्ध प्रयोग हैं।शेयर करें ग़रीबों और अमीरों दोनों का भला होगा।हमारी संपन्न धरोहर को बल मिलेगा।

इसका एक और उपयोग है कि आपको
जैसा ज़ुकाम हो यदि आप के पास कपूर की टिकिया है को इसे लंबी लंबी
साँस लेकर सूंघ लें।थोड़ी देर में ज़ुकाम छूमंतर हो जायेगा। इनहेलर से भी बढ़िया काम करता है। यदि छींक आ रही हों तो कपूर पीस कर बादाम रोगन या सरसों के तेल में डाल कर गर्म कर लें जब कपूर घुल जाये तो ठंडा होने पर शीशी में भर कर रख लें;जब भी छींक आये तो चार चार बूंद दोनों नथुनों में डाल लें । छींक और ज़ुकाम दोनों बंद।एक बार आज़मा कर देखिये। तो कपूर
की टिकिया जेब में रखा वैद्य है;जिसे समय और परिस्थिति के अनुसार उपयोग में लायें।
——————
राजेश’ललित’
———————–

——————-
।कर्पूर एक।।
।गुण अनेक।
—————————
कपूर अथवा कर्पूर को हम प्राय: आरती में ज्योति जलाने के समय बाती के साथ जलाने के रूप में देखते हैं।हवन के समय अग्नि प्रज्वलित करने के लिये कपूर को सर्वप्रथम जलाया दाता है।हवनसामग्री में भी सुगंध के लिये प्रयोग में लाया जाता है।इसके प्रयोग से प्रदूषण मुक्त वातावरण मिलता है।वायु शुद्ध होती है।ज्योतिष में ग्रहों को अनुकूल करने केलिये भी कपूर का प्रयोग किया जाता है।
कर्पूर अथवा आम भाषा में जिसे कपूर कहते हैं; एक ऐसा पदार्थ है जिसे भारतवर्ष में हर घर में किसी न किसी रूप में प्रयोग में लाया जाता है।किसी घर में यह पूजा,हवन और कहीं यह कपड़ों में कीड़े न लगने के लिये रखा होता है।

इसका उदगम् चीन,ताईवान; वियतनाम और जापान आदि देशों में पाये जाने वाले एक पेड़ की छाल को उबाल कर प्राप्त किया जाता है।इन देशों में यह पेड़ बाग़ों में सौंदर्य बढ़ाने के लिये लगाया जाता है।

आयुर्वेद की बहुत सी दवाईयां में भी प्रयोग होता है।यहाँ तक होम्योपैथी की दवा ‘CAMPHOR’ भी इससे बनाई जाती है।यह हैज़ा रोकने के लिये सबसे उपयुक्त मानी जाती है।और बहुत सी होमियोपैथी की दवाओं के विष का प्रतिरोध भी करती है अर्थात यदि किसी होम्योपैथी की दवा रा दुष्प्रभाव होता है तो वह camphor से दूर किया जा सकता है।दस्त लगने पर खाने वाली कपूर की आधी टिकिया पानी के साथ काली मोटी इलायची;छोटी इलायची:अजवायन और लौंग के साथ उबाल लें। चौथाई पानी रहने पर थोड़ा थोड़ा पिलायें।बस; उलटी रुक जायेंगीं।

कर्पूर के एक और गुण की चर्चा करते हैं;यह चर्म रोगों में बहुत उपयोगी है।यदि कभी दाद,खाज,अथवा खुजली हो जाये तो कर्पूर की दो टिकिया को दो चम्मच नीम के अथवा नारियल तेल में डाल दें;थोड़ा गर्म कर लें;थोड़ा ठंडा होने पर त्वचा पर लगा लें।हफ़्ते भर में खुजली ग़ायब ।

यदि कहीं त्वचा जल गयी है तो कर्पूर और रतनज्योत को नारियल के तेल में मिलायें और जली जगह पर लगाायें।विश्वास कीजिये कि आप की त्वचा पहले जैसी हो जायेगी।समय कुछ ज्यादा लग सकता है। यह सब स्वयं सिद्ध प्रयोग हैं।शेयर करें ग़रीबों और अमीरों दोनों का भला होगा।हमारी संपन्न धरोहर को बल मिलेगा।

इसका एक और उपयोग है कि आपको
जैसा ज़ुकाम हो यदि आप के पास कपूर की टिकिया है को इसे लंबी लंबी
साँस लेकर सूंघ लें।थोड़ी देर में ज़ुकाम छूमंतर हो जायेगा। इनहेलर से भी बढ़िया काम करता है। यदि छींक आ रही हों तो कपूर पीस कर बादाम रोगन या सरसों के तेल में डाल कर गर्म कर लें जब कपूर घुल जाये तो ठंडा होने पर शीशी में भर कर रख लें;जब भी छींक आये तो चार चार बूंद दोनों नथुनों में डाल लें । छींक और ज़ुकाम दोनों बंद।एक बार आज़मा कर देखिये। तो कपूर
की टिकिया जेब में रखा वैद्य है;जिसे समय और परिस्थिति के अनुसार उपयोग में लायें।
——————
राजेश’ललित’
—————-

Language: Hindi
Tag: लेख
10 Likes · 3 Comments · 821 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज्ञानी मारे ज्ञान से अंग अंग भीग जाए ।
ज्ञानी मारे ज्ञान से अंग अंग भीग जाए ।
Krishna Kumar ANANT
*कृपा मालिक है तेरी,  सौ दफा है शुक्रिया तेरा  (गीत)*
*कृपा मालिक है तेरी, सौ दफा है शुक्रिया तेरा (गीत)*
Ravi Prakash
सौदागर हूँ
सौदागर हूँ
Satish Srijan
जीवन अनमोल है।
जीवन अनमोल है।
जगदीश लववंशी
रात सुरमई ढूंढे तुझे
रात सुरमई ढूंढे तुझे
Rashmi Ratn
2454.पूर्णिका
2454.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Tum har  wakt hua krte the kbhi,
Tum har wakt hua krte the kbhi,
Sakshi Tripathi
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
दिल का हाल
दिल का हाल
पूर्वार्थ
.
.
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Meera Singh
पूजा
पूजा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
Rj Anand Prajapati
प्राण- प्रतिष्ठा
प्राण- प्रतिष्ठा
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
जो किसी से
जो किसी से
Dr fauzia Naseem shad
*_......यादे......_*
*_......यादे......_*
Naushaba Suriya
ग़म-ए-जानां से ग़म-ए-दौरां तक
ग़म-ए-जानां से ग़म-ए-दौरां तक
Shekhar Chandra Mitra
*कुछ तो बात है* ( 23 of 25 )
*कुछ तो बात है* ( 23 of 25 )
Kshma Urmila
💐प्रेम कौतुक-490💐
💐प्रेम कौतुक-490💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
उठाना होगा यमुना के उद्धार का बीड़ा
उठाना होगा यमुना के उद्धार का बीड़ा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
आनंद प्रवीण
#उल्टा_पुल्टा
#उल्टा_पुल्टा
*Author प्रणय प्रभात*
कहानी
कहानी
कवि रमेशराज
उम्मीद ....
उम्मीद ....
sushil sarna
✍️गहरी बात✍️
✍️गहरी बात✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
निज़ाम
निज़ाम
अखिलेश 'अखिल'
हरदा अग्नि कांड
हरदा अग्नि कांड
GOVIND UIKEY
रचो महोत्सव
रचो महोत्सव
लक्ष्मी सिंह
कुछ नींदों से अच्छे-खासे ख़्वाब उड़ जाते हैं,
कुछ नींदों से अच्छे-खासे ख़्वाब उड़ जाते हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जिंदगी की पहेली
जिंदगी की पहेली
RAKESH RAKESH
Loading...