Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2021 · 1 min read

कभी नजरे चुराए ___ घनाक्षरी

कभी नजरे चुराए कभी नजरे मिलाए।
शर्माए शर्माए कभी कुछ बोल देती है।।
कहती है प्यार हुआ, पिया पिया मोरे पिया।
मैंने दिल तुम्हें दिया राज खोल देती है।।
तुम साजन हो मेरे ले लो संग मेरे फेरे।
प्यार का न मुझसे कोई मोल लेती है।।
प्यार मुझपे लुटाती, प्यार मुझको सिखाती।
मांगता हूं जितना भी अनमोल देती है।।
राजेश व्यास अनुनय

1 Like · 199 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"आभाष"
Dr. Kishan tandon kranti
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
Rj Anand Prajapati
क्षितिज के पार है मंजिल
क्षितिज के पार है मंजिल
Atul "Krishn"
चौकीदार की वंदना में / MUSAFIR BAITHA
चौकीदार की वंदना में / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
जो भी कहा है उसने.......
जो भी कहा है उसने.......
कवि दीपक बवेजा
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक समीक्षा*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक समीक्षा*
Ravi Prakash
विश्वास किसी पर इतना करो
विश्वास किसी पर इतना करो
नेताम आर सी
💐प्रेम कौतुक-551💐
💐प्रेम कौतुक-551💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ
इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
बेटी के जीवन की विडंबना
बेटी के जीवन की विडंबना
Rajni kapoor
वादा है अपना
वादा है अपना
Shekhar Chandra Mitra
हिंदी जन-जन की भाषा
हिंदी जन-जन की भाषा
Dr. Sunita Singh
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
व्यापार नहीं निवेश करें
व्यापार नहीं निवेश करें
Sanjay ' शून्य'
सुता ये ज्येष्ठ संस्कृत की,अलंकृत भाल पे बिंदी।
सुता ये ज्येष्ठ संस्कृत की,अलंकृत भाल पे बिंदी।
Neelam Sharma
कत्ल करती उनकी गुफ्तगू
कत्ल करती उनकी गुफ्तगू
Surinder blackpen
सारे एहसास के
सारे एहसास के
Dr fauzia Naseem shad
* धन्य अयोध्याधाम है *
* धन्य अयोध्याधाम है *
surenderpal vaidya
मिलने के समय अक्सर ये दुविधा होती है
मिलने के समय अक्सर ये दुविधा होती है
Keshav kishor Kumar
ख़ुश-फ़हमी
ख़ुश-फ़हमी
Fuzail Sardhanvi
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
दूर कहीं जब मीत पुकारे
दूर कहीं जब मीत पुकारे
Mahesh Tiwari 'Ayan'
मौहब्बत को ख़ाक समझकर ओढ़ने आयी है ।
मौहब्बत को ख़ाक समझकर ओढ़ने आयी है ।
Phool gufran
तुम शायद मेरे नहीं
तुम शायद मेरे नहीं
Rashmi Ranjan
दोहा छंद विधान ( दोहा छंद में )
दोहा छंद विधान ( दोहा छंद में )
Subhash Singhai
वो टूटता तारा भी कितनों की उम्मीदों का भार लिए खड़ा है,
वो टूटता तारा भी कितनों की उम्मीदों का भार लिए खड़ा है,
Manisha Manjari
*तुम और  मै धूप - छाँव  जैसे*
*तुम और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तेरी धड़कन मेरे गीत
तेरी धड़कन मेरे गीत
Prakash Chandra
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
सत्य कुमार प्रेमी
शहर - दीपक नीलपदम्
शहर - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Loading...