ईश्वर को राजनीतिक मुद्दा मत बनाओ ..
अपनी ओछी राजनीति में नेता जी ,
सत्ता के लिए इस द से गुजर गए ।
राजनीति के मूल धर्म को तो भूल गए ,
और धर्म पर राजनीति करने लग गए ।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई को परस्पर ,
लड़वाते रहते हैं और लड़वाते ही आए।
मगर अब ईश्वर को भी अपने स्वार्थ में ,
जाने कहां से बेवजह खिंच यह लाए ।
भला पूछो इनसे भगवान राम / कृष्ण को ,
इनकी राजनीति से क्या काम ?
वोह कब से और क्यों इनके सपनों में आए ।
अब कोई मथुरा से चुनाव लडे या अयोध्या से,
उनकी बला से !वोह क्यों इनके मामले में ,
हस्तक्षेप करने को आ गए ।
उनके पास और कोई काम नहीं है क्या ?
ना उनका वास्ता इन कलयुगी नेताओं से ,
और न ही इनकी सत्ता और राजनीति से।
वोह तो बल्कि देखकर जरूर सोचते होंगे ,
यह इंसान ! अपने स्वार्थ के लिए कितना ,
हद तक अपने धर्म और ईमान से नीचे गिर आए ।
अब कौन इनसे कहे अरे महानुभावों !
कुछ तो शर्म और लिहाज करो ।
ईश्वर को अपने स्वार्थ के लिए ,
राजनीतिक मुद्दा मत बनाओ।
इनको इन सब झमेलों से बेहतर है ,
दूर ही रखा जाए ।