Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Oct 2021 · 1 min read

आशाओं की पौध रोपी

आशाओं की पौध रोपी
निकला जिससे एक अंकुर
हरा भरा हो पुष्प बना
लहराता बगिया के बीच
मन मेरा उपवन हो जाता
पंछी बन आसमां उड़़ जाता

इच्छा अनिच्छाओं में पल
नित दिवा स्वप्न को देख
बढ़ा जा रहा पग पर पग
वक्त भी करने लगा है छल
सोच कर मन बंजर हो जाता
पंछी बन आसमां उड़़ जाता

गली कूचे सड़के गंदे पड़े है
स्मार्ट सिटी के स्वप्न सजे है
कागजों में है साफ सुथड़े
वास्तविकता है मेले कुचैले
देख यह दिल बैठ जाता है
पंछी बन आसमां उड़़ जाता

उत्थान हेतु आवाजें उठी है
सुधार हेतु सत्ता भी अड़ी है
टाँग खिचाई भी है जबरदस्त
करनी है अक्लें भी दुरुस्त
संभावित भय जा छिप जाता
पंछी बन आसमां उड़़ जाता

Language: Hindi
80 Likes · 2 Comments · 405 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
"अश्क भरे नयना"
Ekta chitrangini
*नज़्म*
*नज़्म*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
SC/ST HELPLINE NUMBER 14566
SC/ST HELPLINE NUMBER 14566
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जुदाई का एहसास
जुदाई का एहसास
प्रदीप कुमार गुप्ता
चाहता है जो
चाहता है जो
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
चले ससुराल पँहुचे हवालात
चले ससुराल पँहुचे हवालात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
निजी कॉलेज/ विश्वविद्यालय
निजी कॉलेज/ विश्वविद्यालय
Sanjay ' शून्य'
'फौजी होना आसान नहीं होता
'फौजी होना आसान नहीं होता"
Lohit Tamta
***
*** " चौराहे पर...!!! "
VEDANTA PATEL
रहे टनाटन गात
रहे टनाटन गात
Satish Srijan
बेशक़ कमियाँ मुझमें निकाल
बेशक़ कमियाँ मुझमें निकाल
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कोरोना काल मौत का द्वार
कोरोना काल मौत का द्वार
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
#सवाल-
#सवाल-
*Author प्रणय प्रभात*
आरम्भ
आरम्भ
Neeraj Agarwal
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
खुलेआम जो देश को लूटते हैं।
खुलेआम जो देश को लूटते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
शिव तेरा नाम
शिव तेरा नाम
Swami Ganganiya
गर्मी आई
गर्मी आई
Manu Vashistha
जनम-जनम के साथ
जनम-जनम के साथ
Shekhar Chandra Mitra
*परिवार: सात दोहे*
*परिवार: सात दोहे*
Ravi Prakash
होगा कौन वहाँ कल को
होगा कौन वहाँ कल को
gurudeenverma198
RATHOD SRAVAN WAS GREAT HONORED
RATHOD SRAVAN WAS GREAT HONORED
राठौड़ श्रावण लेखक, प्रध्यापक
हमारे जैसी दुनिया
हमारे जैसी दुनिया
Sangeeta Beniwal
कान में रखना
कान में रखना
Kanchan verma
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ये वक्त कुछ ठहर सा गया
ये वक्त कुछ ठहर सा गया
Ray's Gupta
कि लड़का अब मैं वो नहीं
कि लड़का अब मैं वो नहीं
The_dk_poetry
"आग और पानी"
Dr. Kishan tandon kranti
#बाल-कविता- मेरा प्यारा मित्र
#बाल-कविता- मेरा प्यारा मित्र
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...