Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2018 · 2 min read

आधी रात शिखर तैं ढलगी हुया पहर का तड़का। बिना जीव की कामनी कै हुया अचानक लड़का।

होनहार कवि ललित कुमार की फुटकड रचनाये @ संकलकर्ता-सन्दीप कौशिक , गांव – लोहारी जाटू, भिवानी

प्रश्न रचना

आधी रात शिखर तैं ढलगी हुया पहर का तड़का।
बिना जीव की कामनी कै हुया अचानक लड़का।।टेक।।

जब लड़के का जन्म हुया ये तीन लोक थर्राए।
ब्रह्मा विष्णु शिवजी तीनू दर्शन करने आये।
सप्त ऋषि भी आसन ठा कै हवन करण नै आये।
साढ सती और मन मोहनी नै आके मंगल गाये।
जब नाम सूना था उस लड़के का हुया काल मुनि कै धड़का।
बिना जीव की कामनी कै हुया अचानक लड़का।

सात समन्दर उस लड़के नै दो टैम नहवाया करते।
अगन देवता बण्या रसोई, भोग लगाया करते।
इंद्र देवता लोटा ले कै चल्लू कराया करते।
पवन देवता पवन चला लड़के ने सूवाया करते।
जब लड़के नै भूख लगी वो पेड़ निगल गया बड़ का।
बिना जीव की कामनी कै हुया अचानक लड़का।

कामदेव पहरे पै रहता, चारों युग के साथी।
अस्ट वसु और ग्यारा रूद्र ये लड़के के नाती।
बावन कल्वे छप्पन भैरो गावें गीत परभाती।
उसके दरवाजे के ऊपर बेमाता साज बजाती।
गाना गावे साज बजावे करै प्रेम का छिड़का।
बिना जीव की कामनी कै हुया अचानक लड़का।

सब लड़कों मै उस लड़के का आदर मान निराला।
गंगा यमुना अडसठ तीरथ रटे प्रेम की माला।
चाँद सूरज और तारे तक भी दे रहे थे उज्याला।
वेद धरम की बात सुणावै लखमीचंद जांटी आळा।
उस नै कवी मै मानूं जो भेद खोल दे जड़ का।
बिना जीव की कामनी कै हुया अचानक लड़का।

उतरावली रचना

ऋषि मुनियो नै सत्य सहार वनखोड का मथन कीया,
बिना जिव की काया से फैर पृथु जी नै जन्म लिया।। टेक।।

जब पृथु का जन्म होया तिन लोक मै मांच्या शोर
ब्रहा बिष्णु शिवजी आऐ घन मै घटा तणी घनघोर
सप्त ऋषियों नै हवन कीया पृथु का बडीया जोर
उस साढ़ सति नै मंगल गाऐ नाचे किन्नर, गंधर्व, मोर
वो काल बली भी घबराया था जब बिष्णु नै सुदर्शन दिया।।

थे सात समुद्र शरण पृथु की आज्यां रोज नुवाणे नै
अग्नि देव नै करी रसोई दिया सदृढ धनुष चलाणे नै
इन्द्र देव नै मुकुट दे दिया देई बर्षा चलू कराणे नै
पवन देव नै वरदान दिया मै आज्याऊ रोज सुवाणे नै
जब पृथु नै भूख लगी थी उन बडका-ऐ दुध पिया।।

बिष्णु का अवतार था पृथु न्यु काम युग वणे साथी
बिष्णु के कारण वसु रूद्र कहलाऐ पृथु के नाती
52कलवे 56भैरूं सिद्ध गांव गात प्रभाती
वैकुंट सा लगै नजारा बेमाता साज बजाती
इतना बडीया साज बजाया लाग्या सब का जीया।।

सब दुनियां से पृथु जी का था दरबार न्यारा
गगां यमुना 68 तीर्थ कहं भार तारीये म्हारा
तारेगंण चंद्रमां चंमक संग चमकै सुर्य बारा
ललित बवानी आले नै यो भेद खोल दिया सारा
ये कवियां के घर दुर बताऐ मेरा न्यु लरजै सै हिया।।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 4499 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गुजरे हुए वक्त की स्याही से
गुजरे हुए वक्त की स्याही से
Karishma Shah
तुम यह अच्छी तरह जानते हो
तुम यह अच्छी तरह जानते हो
gurudeenverma198
★SFL 24×7★
★SFL 24×7★
*Author प्रणय प्रभात*
तेरे हक़ में
तेरे हक़ में
Dr fauzia Naseem shad
* तुगलकी फरमान*
* तुगलकी फरमान*
Dushyant Kumar
तुम्हारा घर से चला जाना
तुम्हारा घर से चला जाना
Dheerja Sharma
नज़राना
नज़राना
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
वह बचपन के दिन
वह बचपन के दिन
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
*समझो बैंक का खाता (मुक्तक)*
*समझो बैंक का खाता (मुक्तक)*
Ravi Prakash
2997.*पूर्णिका*
2997.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
मेरी दुनिया उजाड़ कर मुझसे वो दूर जाने लगा
कृष्णकांत गुर्जर
कुछ तो उन्होंने भी कहा होगा
कुछ तो उन्होंने भी कहा होगा
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
सीमजी प्रोडक्शंस की फिल्म ‘राजा सलहेस’ मैथिली सिनेमा की दूसरी सबसे सफल फिल्मों में से एक मानी जा रही है.
सीमजी प्रोडक्शंस की फिल्म ‘राजा सलहेस’ मैथिली सिनेमा की दूसरी सबसे सफल फिल्मों में से एक मानी जा रही है.
श्रीहर्ष आचार्य
चल मनवा चलें.....!!
चल मनवा चलें.....!!
Kanchan Khanna
💐प्रेम कौतुक-248💐
💐प्रेम कौतुक-248💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कहीं और हँसके खुशियों का इज़हार करते हैं ,अपनों से उखड़े रहकर
कहीं और हँसके खुशियों का इज़हार करते हैं ,अपनों से उखड़े रहकर
DrLakshman Jha Parimal
" जिन्दगी क्या है "
Pushpraj Anant
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सबनम की तरहा दिल पे तेरे छा ही जाऊंगा
सबनम की तरहा दिल पे तेरे छा ही जाऊंगा
Anand Sharma
माना अपनी पहुंच नहीं है
माना अपनी पहुंच नहीं है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
तुम इश्क लिखना,
तुम इश्क लिखना,
Adarsh Awasthi
जरूरत
जरूरत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है।
अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है।
Anand Kumar
जीवन के रंगो संग घुल मिल जाए,
जीवन के रंगो संग घुल मिल जाए,
Shashi kala vyas
लाख दुआएं दूंगा मैं अब टूटे दिल से
लाख दुआएं दूंगा मैं अब टूटे दिल से
Shivkumar Bilagrami
प्रश्न  शूल आहत करें,
प्रश्न शूल आहत करें,
sushil sarna
नित नए संघर्ष करो (मजदूर दिवस)
नित नए संघर्ष करो (मजदूर दिवस)
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
गर्व की बात
गर्व की बात
Er. Sanjay Shrivastava
Loading...