Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Oct 2021 · 1 min read

आत्मगौरव…

सौंदर्य का वर्णन आने पर
लोगों ने खूब सराहा था
वाणी के मुखरित होने पर
क्यों अधरों पर था मौन बिछा…

क्या सत्य वही, जो तुम मानो
क्या सत्य वही, जो तुम जानो
आदर्शों के ढेरों तले सत्य को
जाने कितनों ने कुचला था…

अधर मौन थे, शीश झुके
सबके समक्ष निवेदन था
किंतु किसी का आत्मसंवेदन
तनिक भी नहीं मचला था…

जाने कितनी ही नित्यायुवनी
जाने कितनी ही जनकदुलारी के
आत्मगौरव को खंडित करते
क्यों पाषण हृदय नहीं पिघला था…

अब जब मैंने शीश उठाया
जब वाणी से विरोध जताया
जब शक्ति का आह्वान उठा
क्यों हृदय तुम्हारा काँप उठा…
-✍️देवश्री पारीक ‘अर्पिता’

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 319 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मातृत्व
मातृत्व
साहित्य गौरव
जिंदगी न जाने किस राह में खडी हो गयीं
जिंदगी न जाने किस राह में खडी हो गयीं
Sonu sugandh
भाई बहन का प्रेम
भाई बहन का प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
इश्क़—ए—काशी
इश्क़—ए—काशी
Astuti Kumari
Tumhari khubsurat akho ne ham par kya asar kiya,
Tumhari khubsurat akho ne ham par kya asar kiya,
Sakshi Tripathi
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
परिपक्वता (maturity) को मापने के लिए उम्र का पैमाना (scale)
परिपक्वता (maturity) को मापने के लिए उम्र का पैमाना (scale)
Seema Verma
তুমি এলে না
তুমি এলে না
goutam shaw
अच्छा कार्य करने वाला
अच्छा कार्य करने वाला
नेताम आर सी
तीजनबाई
तीजनबाई
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"एक दीप जलाना चाहूँ"
Ekta chitrangini
कविता
कविता
Rambali Mishra
ढूॅ॑ढा बहुत हमने तो पर भगवान खो गए
ढूॅ॑ढा बहुत हमने तो पर भगवान खो गए
VINOD CHAUHAN
इश्क़ एक सबब था मेरी ज़िन्दगी मे,
इश्क़ एक सबब था मेरी ज़िन्दगी मे,
पूर्वार्थ
मैं गहरा दर्द हूँ
मैं गहरा दर्द हूँ
'अशांत' शेखर
अपनी कलम से.....!
अपनी कलम से.....!
singh kunwar sarvendra vikram
परम तत्व का हूँ  अनुरागी
परम तत्व का हूँ अनुरागी
AJAY AMITABH SUMAN
सच्ची मेहनत कभी भी, बेकार नहीं जाती है
सच्ची मेहनत कभी भी, बेकार नहीं जाती है
gurudeenverma198
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Kanchan verma
*मतदान*
*मतदान*
Shashi kala vyas
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*** चोर ***
*** चोर ***
Chunnu Lal Gupta
डॉ ऋषि कुमार चतुर्वेदी (श्रद्धाँजलि लेख)
डॉ ऋषि कुमार चतुर्वेदी (श्रद्धाँजलि लेख)
Ravi Prakash
क्षितिज के पार है मंजिल
क्षितिज के पार है मंजिल
Atul "Krishn"
"काहे का स्नेह मिलन"
Dr Meenu Poonia
दायरे से बाहर (आज़ाद गज़लें)
दायरे से बाहर (आज़ाद गज़लें)
AJAY PRASAD
जब नयनों में उत्थान के प्रकाश की छटा साफ दर्शनीय हो, तो व्यर
जब नयनों में उत्थान के प्रकाश की छटा साफ दर्शनीय हो, तो व्यर
Sukoon
कृष्ण भक्ति
कृष्ण भक्ति
लक्ष्मी सिंह
हर जगह तुझको मैंने पाया है
हर जगह तुझको मैंने पाया है
Dr fauzia Naseem shad
बाल कविता: भालू की सगाई
बाल कविता: भालू की सगाई
Rajesh Kumar Arjun
Loading...