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30 Oct 2021 · 1 min read

आकाश से नीचे उतर लें

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आ चलो आकाश से नीचे उतर लें।
आ चलो संताप पृथ्वी का भी हर लें।
आदमी के मन में काई सी जमी है।
अब उतर कर के सफाई ही कर दें।
जंगलों में पेड़ की है भागम-भाग भाई।
उसके मन के डर को,अब आओ कुतर लें।
पंछी कुछ कहने को बहुत बेताब से हैं।
बेझिझक उनकी कथा के सुन भी स्वर लें।
हर शहर में शोर है कि सिंह जन्मा आदमी में।
इस सच,झूठ का आओ कि तहक़ीक़ात कर लें।
आमादा अब आदमी है नये औज़ार गढ़ने।
आ कि सब तकनीक उनका जब्त कर लें।
विकसित हो के आदमखोर मानव हो गया है।
आदमी में आदमियत का जरा अहसास भर दें।
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Language: Hindi
170 Views
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