Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2021 · 2 min read

आंदोलन मेरी नियति!

आंदोलन मेरे भाग्य में,
आंदोलन ही मेरी नियति,
इसका हुआ आभास मुझे,
जब बन गई ये परिस्थिति,

बात यह सतान्वे अठ्ठानवे की,
जब जिला प्रशासन ने,
वह नदी पट्टे पर दे दी,
जो हमारे घर आंगन के,
एवं खेत खलिहानों के,
आगे बहती है,

आस पास के वासियों ने,
आपत्ति इस पर जता दी,
बोल्डर पत्थर ये तोड़ेंगे,
करके चुगान दाना भी नहीं छोड़ेंगे,
नदी का बहाव बदल जाएगा,
बना हुआ तटबंध टूट जाएगा,

यह काम हम होने नहीं देंगे,
मिल कर इसका विरोध करेंगे,
ग्राम प्रधान को बताया गया,
उन्हें बैठक के लिए बुलाया गया,
उनसे उनकी राय मांगी,
अपनी राय उन्हें बता दी,

प्रधान जी ने भी सहमति में सिर हिलाया,
अपना समर्थन हमें जताया,
विरोध पत्र तैयार किया,
जिला प्रशासन तक भेज दिया,
पट्टेदार को मना किया,
गाड़ियों को वापस किया,
आने जाने वाले मार्ग को अवरूद्ध किया,

अब प्रशासन का दबाव बढ़ने लगा,
साथियों को डर लगने लगा,
पुलिस प्रशासन का कैसे सामना करें,
नदी के चुगान को कैसे रोकें,
विधायक, और मंत्री से मिले,
काम को रोकने को कहने लगे,
उन्होंने प्रशासन से संवाद किया,
प्रशासन ने भी,
राजस्व बढ़ाने का दांव चला,

हमने भी हार ना मानी,
मिलने को गये नित्यानंद स्वामी,
वह विधान परिषद के अध्यक्ष हुआ करते थे,
अक्सर लखनऊ में रहा करते थे,
घर देहरादून में आए हुए थे,
सर्किट हाउस में ठहरे हुए थे,
उन्हें अपनी पीडा बताई,
प्रशासन दिखा रहा दबंगाई,

हमारे खेत खलिहानों का सवाल है,
घर आंगन उजड़ने का मलाल है,
जनहित का यह तिरस्कार उचित नहीं है
जनता का उत्पीडन ठीक नहीं है,
या तो यह काम रोक लो,
या फिर हमें कहीं विस्थापित कर दो,
हम यहां पर कैसे रहेंगे,
क्या करेंगे क्या कमाएंगे,
क्या हम अपने बच्चों को खिलाएंगे,

स्वामी जी सरल सहज व्यक्ति थे,
वह हमसे सहमत हो गए थे,
उन्होंने जिला अधिकारी को आदेश कर दिया,
इस चुगान कार्य को निरस्त करने को कह दिया,
आदेश की प्रति भेजने को लिख दिया,
इस तरह से यह समस्या सुलझ पाई,
आंदोलन ही हमारी नियति है भाई।

(यादों के झरोखे से)

Language: Hindi
1 Like · 275 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jaikrishan Uniyal
View all
You may also like:
अपने आलोचकों को कभी भी नजरंदाज नहीं करें। वही तो है जो आपकी
अपने आलोचकों को कभी भी नजरंदाज नहीं करें। वही तो है जो आपकी
Paras Nath Jha
चाय बस चाय हैं कोई शराब थोड़ी है।
चाय बस चाय हैं कोई शराब थोड़ी है।
Vishal babu (vishu)
नदी जिस में कभी तुमने तुम्हारे हाथ धोएं थे
नदी जिस में कभी तुमने तुम्हारे हाथ धोएं थे
Johnny Ahmed 'क़ैस'
जागो बहन जगा दे देश 🙏
जागो बहन जगा दे देश 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
फन कुचलने का हुनर भी सीखिए जनाब...!
फन कुचलने का हुनर भी सीखिए जनाब...!
Ranjeet kumar patre
जीभ का कमाल
जीभ का कमाल
विजय कुमार अग्रवाल
वैसे अपने अपने विचार है
वैसे अपने अपने विचार है
शेखर सिंह
* straight words *
* straight words *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"प्रत्युत्तर"
*Author प्रणय प्रभात*
अपना मन
अपना मन
Harish Chandra Pande
3216.*पूर्णिका*
3216.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डिग्रियां तो मात्र आपके शैक्षिक खर्चों की रसीद मात्र हैं ,
डिग्रियां तो मात्र आपके शैक्षिक खर्चों की रसीद मात्र हैं ,
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
"अजातशत्रु"
Dr. Kishan tandon kranti
Maybe the reason I'm no longer interested in being in love i
Maybe the reason I'm no longer interested in being in love i
पूर्वार्थ
हिन्दी दोहे- इतिहास
हिन्दी दोहे- इतिहास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कौन नहीं है...?
कौन नहीं है...?
Srishty Bansal
💐प्रेम कौतुक-224💐
💐प्रेम कौतुक-224💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इंसानो की इस भीड़ में
इंसानो की इस भीड़ में
Dr fauzia Naseem shad
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
Ravi Prakash
*हम तो हम भी ना बन सके*
*हम तो हम भी ना बन सके*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
लतियाते रहिये
लतियाते रहिये
विजय कुमार नामदेव
हम कितने चैतन्य
हम कितने चैतन्य
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बना एक दिन वैद्य का
बना एक दिन वैद्य का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
आज का बदलता माहौल
आज का बदलता माहौल
Naresh Sagar
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
पारख पूर्ण प्रणेता
पारख पूर्ण प्रणेता
प्रेमदास वसु सुरेखा
तुम जीवो हजारों साल मेरी गुड़िया
तुम जीवो हजारों साल मेरी गुड़िया
gurudeenverma198
मेरी सोच मेरे तू l
मेरी सोच मेरे तू l
सेजल गोस्वामी
पहाड़ी नदी सी
पहाड़ी नदी सी
Dr.Priya Soni Khare
Loading...