Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2021 · 1 min read

‘अपना पराया’

‘अपना पराया’

कौन अपना है,कौन पराया,
बिन विपदा, कोई जान न पाया।

जो मन को अपने भा जाए,
जो संकट में काम आ जाए,
धूप में छाँव जो बन जाए,
शहर में गाँव वो बन जाए,
है वही अपना, ना समझ पराया,
बिन विपदा, कोई जान न पाया।

जब वक्त पड़े दौड़ा आ जाए,
उलझी उलझन सुलझा जाए,
उचित अनुचित जो समझा जाए,
मिलने से जो खुश हो जाए,
कभी हमसे जो, रूठ न पाया,
बिन विपदा, कोई जान न पाया।

मन का मौन जो तक जाए,
चेहरे पर दुख को भी पढ़ पाए।
हो पीड़ा जब मलहम बन जाए
बिखरा जीवन जो बाग बनाए।
जानोे उसे अपना, वो नहीं पराया,
बिन विपदा, कोई जान न पाया।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 268 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हकीकत जानते हैं
हकीकत जानते हैं
Surinder blackpen
यादें
यादें
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
Shubham Pandey (S P)
फितरत अमिट जन एक गहना
फितरत अमिट जन एक गहना
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
“इंडिया अगेनेस्ट करप्शन”
“इंडिया अगेनेस्ट करप्शन”
*Author प्रणय प्रभात*
सुख - एक अहसास ....
सुख - एक अहसास ....
sushil sarna
नेह निमंत्रण नयनन से, लगी मिलन की आस
नेह निमंत्रण नयनन से, लगी मिलन की आस
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
भारत का चाँद…
भारत का चाँद…
Anand Kumar
बहुत वो साफ सुधरी ड्रेस में स्कूल आती थी।
बहुत वो साफ सुधरी ड्रेस में स्कूल आती थी।
विजय कुमार नामदेव
पेड़ पौधे (ताटंक छन्द)
पेड़ पौधे (ताटंक छन्द)
नाथ सोनांचली
अपनी ही निगाहों में गुनहगार हो गई हूँ
अपनी ही निगाहों में गुनहगार हो गई हूँ
Trishika S Dhara
बात तो बहुत कुछ कहा इस जुबान ने।
बात तो बहुत कुछ कहा इस जुबान ने।
Rj Anand Prajapati
तुम नि:शब्द साग़र से हो ,
तुम नि:शब्द साग़र से हो ,
Stuti tiwari
विषम परिस्थियां
विषम परिस्थियां
Dr fauzia Naseem shad
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*आई बारिश हो गई,धरती अब खुशहाल(कुंडलिया)*
*आई बारिश हो गई,धरती अब खुशहाल(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अल्फाज़ ए ताज भाग-11
अल्फाज़ ए ताज भाग-11
Taj Mohammad
💐प्रेम कौतुक-356💐
💐प्रेम कौतुक-356💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मुस्कुराहटों के मूल्य
मुस्कुराहटों के मूल्य
Saraswati Bajpai
जो थक बैठते नहीं है राहों में
जो थक बैठते नहीं है राहों में
REVATI RAMAN PANDEY
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भीड़ ने भीड़ से पूछा कि यह भीड़ क्यों लगी है? तो भीड़ ने भीड
भीड़ ने भीड़ से पूछा कि यह भीड़ क्यों लगी है? तो भीड़ ने भीड
जय लगन कुमार हैप्पी
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
कभी रहे पूजा योग्य जो,
कभी रहे पूजा योग्य जो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
किताबें
किताबें
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आज 31 दिसंबर 2023 साल का अंतिम दिन है।ढूंढ रहा हूं खुद को कि
आज 31 दिसंबर 2023 साल का अंतिम दिन है।ढूंढ रहा हूं खुद को कि
पूर्वार्थ
कल रहूॅं-ना रहूॅं..
कल रहूॅं-ना रहूॅं..
पंकज कुमार कर्ण
2736. *पूर्णिका*
2736. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...