अतीतजीवी(हास्य व्यंग्य)
अतीतजीवी (हास्य व्यंग्य)
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अतीत की यादें महत्वपूर्ण होती हैं। कई बार जिनकी उम्र सत्तर से ज्यादा हो जाती है, वह केवल अतीत को ही महत्वपूर्ण मानते हैं। उनके पास बैठो , चर्चा करो , तब वह केवल अतीत की यादों में ही घूमने लगते हैं । उनके अनुसार इस धरती पर स्वर्ण युग न जाने कब का समाप्त हो चुका है और अब सोने के स्थान पर चाँदी ,पीतल ,ताँबा अथवा लोहे का युग चल रहा है ।
बड़े बूढ़े हमेशा यही कहते हैं कि जो बात हमारे जमाने में थी, वह अब कहाँ है ? मजे की बात यह है कि आजकल के जो बड़े बूढ़े हैं ,वह जब पचास- साठ साल पहले बच्चे थे, तब उनके बुजुर्ग भी उनसे यही कहते थे कि जो बात हमारे जमाने में थी वह अब कहाँ है? यानी 200 – 400 साल से यही किस्सा चल रहा है कि जो बात हमारे जमाने में थी, वह अब कहाँ है ?
संस्थाओं और संगठनों में इसीलिए बुड्ढे लोग नौजवानों की चलने नहीं देते । वह केवल राय देते रहते हैं और अपने तथाकथित स्वर्णिम अतीत का रोना रोते रहते हैं । उनका युवाओं से कहना होता है कि तुम कोई काम नहीं कर पाते । जबकि वास्तविकता यह होती है कि जो 70 साल से ज्यादा के बूढ़े हैं , प्रायः उनसे न चला जाता है, न बैठा जाता है । वह न सोच पाते हैं और न कुछ काम कर पाते हैं । वह केवल नौजवानों को डिस्टर्ब करते हैं तथा न खुद काम करते हैं, न युवाओं को करने देते हैं ।
एक बीमारी भूलने की होती है । इसमें व्यक्ति निकट की घटनाओं को भूल जाता है, लेकिन चालीस साल पुरानी बातें उसे याद रहती हैं । अक्सर वह बीमारी के कारण अतीत में चला जाता है और अपने आसपास बैठे हुए व्यक्तियों के साथ इस प्रकार व्यवहार करता है जैसे मानो वह पचास साल पहले के युग में उपस्थित हो । कई लोग जिनकी आयु 75 वर्ष होती है , वह इस बीमारी के कारण यहाँ तक कहने लगते हैं कि हमारी सगाई तो हो चुकी, अब आए हुए सामान को कहाँ भिजवाया जाए ? जो लोग उनकी बीमारी नहीं समझते ,उनकी समझ में नहीं आता कि यह क्या कह रहे हैं । लेकिन जो जानते हैं कि इन्हें अतीत की बीमारी है वह समझ जाते हैं और कह देते हैं कि हाँ सारा सामान भिजवा दिया गया है । अब आप निश्चिंत होकर बैठिए। तब वह बुजुर्ग लोग बीमारी के कारण परेशान नहीं होते और वर्तमान में अनेक बार वापस आ जाते हैं।
अतीत में ज्यादा घूमने से व्यक्ति वर्तमान से कट जाता है । अगर परिवार या घर में उसको अनुकूल वातावरण न मिले तो वह चिड़चिड़ा हो जाता है और कई बार पागलपन जैसी स्थितियाँ भी आ जाती हैं।
वास्तव में देखा जाए तो अतीत हमारा पिछले जन्म का भी था लेकिन भगवान ने बड़ी कृपा की जो हमको पिछले जन्म के अतीत की याद से मुक्ति दिला दी और हमें वह कुछ भी याद नहीं है । जरा सोचिए ! अगर हमें पिछले जन्म की सारी बातें याद होतीं तो क्या हम इस जन्म को शांतिपूर्वक जी पाते? हम तो हमेशा अपने पिछले जन्म और इस जन्म के बीच में ही घूमते रहते । एक पाँव इस जन्म में, दूसरा पाँव पिछले जन्म में। अगर पिछले जन्म में अफ़्रीका में थे , तो हम अफ्रीका में घूमते रहेंगे । रात को सोएंगे तो अफ्रीका के बारे में सोचते- सोचते सो जाएंगे। सुबह को उठेंगे तो सोचेंगे कि पता नहीं यह अफ़्रीका है या भारत है ?
जिन लोगों का पिछला जन्म ठंडे प्रदेशों में हुआ होगा , वह इस जन्म में अगर गर्म प्रदेशों में जन्म लेंगे तब उनके सामने पूरा जीवन गर्मी में गुजारना ही मुश्किल हो जाएगा । कई बार अगर व्यक्ति पिछले जन्मों में बहुत धनवान है और इस जन्म में वह गरीब परिवार ने जन्म लेगा , तब उसके दिमाग में यह खुराफातआती रहेगी कि क्यों न अपने पुराने धनवान परिवार में जाकर वहाँ की सदस्यता का दावा कर दिया जाए। फिर उसे सब बातें याद भी होंगी ।
यानि इसी तरह पूरे संसार में लोग एक परिवार से दूसरे परिवार, एक देश से दूसरे देश घूमते रहेंगे और आपस में पिछले जन्म के झगड़ों को इस जन्म में निपटाते रहेंगे। यानि पूरी धरती नर्क होकर रह जाएगी। सोचिए ! कितना बड़ा उपकार भगवान ने हमारे ऊपर किया है कि हमें पिछले जन्म का अतीत याद नहीं है । हम सकून से इस जन्म में जी पा रहे हैं , इसका एकमात्र श्रेय इस बात को जाता है कि पिछला जन्म किसी को याद नहीं है।
अगर आप विचार करें तो पाएंगे कि नफरत ,ईर्ष्या, द्वेष आदि जो बुराइयाँ हैं ,वह समय के साथ-साथ व्यक्ति भूल जाता है। थोड़े समय किसी से दुश्मनी बहुत गहरी रहती है, लेकिन कुछ समय के बाद उसे व्यक्ति धीरे-धीरे भुला देता है और उसे उतना महत्व नहीं देता जितना वह कुछ वर्ष पहले देता था । जो सज्जन व्यक्ति हैं उनकी तो पहचान ही यह बताई गई है कि वह मिनटों में रुष्ट होते हैं और कुछ ही मिनटों में उनका रोष समाप्त हो जाता है । भले लोग किसी से दुश्मनी पाल कर नहीं रखते । लेकिन कई लोगों का यह स्वभाव रहता है कि वह वर्षों तक पुरानी कटुताओं में जीते रहते हैं । इस चक्कर में उनका ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है और उन्हें कई तरह की हृदय की बीमारियाँ हो जाती हैं ,जो उनके जीवन के लिए खतरा बन जाती हैं । अच्छाई इसी में है कि पिछले को भूलो और वर्तमान में जीना शुरु करो।
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लेखक : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 5451