अंधविश्वास
जब हो जाय अंधविश्वास।व्यथित मन । एक छोटी सी लेखनी??
अच्छे रिश्ते टूट जाते है और
मन मे पनपते खटास।
दूरिया बनना तो लाजमी है।
जब हो जाय अंधविश्वास।।
एक दिन एक वर्ष कटे
चेहरे पर न दिखे उल्लास।
सामने न आना तो लाजमी है
जब हो जाय अंधविश्वास।।
हम तो झुकना जानते है
पहन के एक सच्चा लिबास।
वो तो कभी झुकते नही क्योकि
उनको सताये अंधविश्वास।।
चेहरे पर गुस्सा छलके
बोली में ना होती मिठास।
माँ बेटे के रिश्ते भी कमजोर हो जाते
जब हो जाय एक अंधविश्वास।।
✍️ कुमार अनु ओझा