Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2021 · 1 min read

सतयुग की झलक दिख जाए !

सतयुग की झलक दिख जाए !
#################

जब कोई ख़ुश कभी होता है
तो मुझे भी ख़ुशी मिलती है !
और कोई दुखी जब होता है
तो मैं भी दुखित हो जाता हूॅं !!

और इसी तरह की भावना का ,
सबसे ही अपेक्षा मैं रखता हूॅं !
पर करते कोई जब अवहेलना ,
तो दुखित मैं भी हो जाता हूॅं !!

खुशियाॅं औरों की हो या अपनी ,
खुशी तो बस, खुशी ही होती है !
तुलनात्मक दोनों ही स्थिति में ,
कोई जीवात्मा ही तृप्त होती हैं !!

औरों की भलाई में जो कोई ,
खुद का हित भी देखते हैं !
वैसे जीव तो सचमुच में ही ,
देवता का अंश ही होते हैं !!

गर हम सब ये चाह लें तो….
कलियुग भी सतयुग हो जाए !
ऐसी इच्छा शक्ति जगा लें तो….
हर प्राणी ही सच्चा बन जाए !!

ना रहे कोई भी रावण कहीं पे ,
बच्चा-बच्चा ही राम बन जाए !
झूठ की बुनियाद पे खड़ा हर वृक्ष ,
अब सच्चाई का ही फल दे जाए !!

रावण के युग का अंत होकर ,
रामराज्य ही क्यों ना बन जाए !
क्यों नहीं हम सब ही मिलकर ,
ऐसा ही करिश्मा कुछ कर जाएं !!

आज हरेक की जवाबदेही ये हो….
बेईमानी की जड़ नहीं पनप पाए !
सच्चाई के मार्ग पे सब कोई चलकर ,
सतयुग की झलक अब दिख जाए !!

स्वरचित एवं मौलिक ।
सर्वाधिकार सुरक्षित ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 24 अक्टूबर, 2021.
“”””””””””””””””””””””””””””””””””
?????????

Language: Hindi
7 Likes · 4 Comments · 553 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नए मुहावरे में बुरी औरत / MUSAFIR BAITHA
नए मुहावरे में बुरी औरत / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
*मरता लेता जन्म है, प्राणी बारंबार (कुंडलिया)*
*मरता लेता जन्म है, प्राणी बारंबार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
लिखना है मुझे वह सब कुछ
लिखना है मुझे वह सब कुछ
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
दर्द
दर्द
SHAMA PARVEEN
शाश्वत सत्य
शाश्वत सत्य
Dr.Pratibha Prakash
वक़्त के साथ वो
वक़्त के साथ वो
Dr fauzia Naseem shad
रामराज्य
रामराज्य
Suraj Mehra
ये लोकतंत्र की बात है
ये लोकतंत्र की बात है
Rohit yadav
कोई मिले जो  गले लगा ले
कोई मिले जो गले लगा ले
दुष्यन्त 'बाबा'
विजय हजारे
विजय हजारे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*मेरी इच्छा*
*मेरी इच्छा*
Dushyant Kumar
सृजन तेरी कवितायें
सृजन तेरी कवितायें
Satish Srijan
माँ की यादें
माँ की यादें
मनोज कर्ण
मिल ही जाते हैं
मिल ही जाते हैं
Surinder blackpen
"कवि के हृदय में"
Dr. Kishan tandon kranti
कुदरत के रंग.....एक सच
कुदरत के रंग.....एक सच
Neeraj Agarwal
2430.पूर्णिका
2430.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
******जय श्री खाटूश्याम जी की*******
******जय श्री खाटूश्याम जी की*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शब्द
शब्द
लक्ष्मी सिंह
किसी पर हक हो ना हो
किसी पर हक हो ना हो
shabina. Naaz
मौहब्बत में किसी के गुलाब का इंतजार मत करना।
मौहब्बत में किसी के गुलाब का इंतजार मत करना।
Phool gufran
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जय जय नंदलाल की ..जय जय लड्डू गोपाल की
जय जय नंदलाल की ..जय जय लड्डू गोपाल की"
Harminder Kaur
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
#अभी_अभी
#अभी_अभी
*Author प्रणय प्रभात*
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सीता ढूँढे राम को,
सीता ढूँढे राम को,
sushil sarna
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कितना भी दे  ज़िन्दगी, मन से रहें फ़कीर
कितना भी दे ज़िन्दगी, मन से रहें फ़कीर
Dr Archana Gupta
Loading...