Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2016 · 1 min read

-:मिलन की आहट:-

मेघा आज
सफ़ेद लिबास में
चाँद को लपेटकर
अभी अभी शाम को
अनंत अंबर में लेकर आई है
कितनी प्यारी लगती है
चारों तरफ से घिरे
काले बादलों के बीच
उनकी मोहक धवल छवि
मानो कोई प्रेयसी
सजधज कर आई हो
मिलन की आस में
एक लंबी विरह के बाद
मिलने अपने प्रियतम से
मनमुग्ध कर लेना
चाहती हो इसबार उसे
इस कदर कि
इस मिलन के बाद
फिर दुबारा कभी
बिछुड़न की टीस
न आये उनके जीवन में
सोलह शृंगार में सजी
बिखरे ज़ुल्फों को
आजाद कर उनकी अदाओं में
कजरारे आँखों में
एक अतृप्त प्यास लेकर
अपने अधरों पर
मधुर मुस्कान बिखेरते हुए
देख रही है अपलक उन राहों को
जिनसे होकर शायद अभी
मिलन की आहट
सुनाई देगी उनके कानों को
और समेट लेगी फिर
अपने गुलाबी पंखुड़ी आगोश में
अपने भँवरा को सदा के लिए
प्रकाश यादव “निर्भीक”
बड़ौदा – 03.06.2016

Language: Hindi
706 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अदम गोंडवी
अदम गोंडवी
Shekhar Chandra Mitra
रंग मे रंगोली मे गीत मे बोली
रंग मे रंगोली मे गीत मे बोली
Vindhya Prakash Mishra
कविता की महत्ता।
कविता की महत्ता।
Rj Anand Prajapati
आकाश के नीचे
आकाश के नीचे
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
💐प्रेम कौतुक-477💐
💐प्रेम कौतुक-477💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
3005.*पूर्णिका*
3005.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फिर से ऐसी कोई भूल मैं
फिर से ऐसी कोई भूल मैं
gurudeenverma198
मैं राम का दीवाना
मैं राम का दीवाना
Vishnu Prasad 'panchotiya'
लहजा बदल गया
लहजा बदल गया
Dalveer Singh
फितरत
फितरत
Bodhisatva kastooriya
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के विरोधरस के गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के विरोधरस के गीत
कवि रमेशराज
■ व्यंग्य / आया वेलेंटाइन डे
■ व्यंग्य / आया वेलेंटाइन डे
*Author प्रणय प्रभात*
करना केवल यह रहा , बाँटो खूब शराब(हास्य कुंडलिया)
करना केवल यह रहा , बाँटो खूब शराब(हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
ऐश ट्रे   ...
ऐश ट्रे ...
sushil sarna
आप अपनी नज़र से
आप अपनी नज़र से
Dr fauzia Naseem shad
कितनी ही गहरी वेदना क्यूं न हो
कितनी ही गहरी वेदना क्यूं न हो
Pramila sultan
जो मुस्किल में छोड़ जाए वो यार कैसा
जो मुस्किल में छोड़ जाए वो यार कैसा
Kumar lalit
पिया मिलन की आस
पिया मिलन की आस
Dr. Girish Chandra Agarwal
Nothing you love is lost. Not really. Things, people—they al
Nothing you love is lost. Not really. Things, people—they al
पूर्वार्थ
*खोटा था अपना सिक्का*
*खोटा था अपना सिक्का*
Poonam Matia
बुद्धत्व से बुद्ध है ।
बुद्धत्व से बुद्ध है ।
Buddha Prakash
दौलत
दौलत
Neeraj Agarwal
बेटियां बोझ नहीं होती
बेटियां बोझ नहीं होती
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मसरुफियत में आती है बे-हद याद तुम्हारी
मसरुफियत में आती है बे-हद याद तुम्हारी
Vishal babu (vishu)
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मेहनत ही सफलता
मेहनत ही सफलता
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
हिंदी क्या है
हिंदी क्या है
Ravi Shukla
प्रेम
प्रेम
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मुझे पता है।
मुझे पता है।
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
Loading...