Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2021 · 1 min read

आज के समय की समीक्षा

कुछ क्षणिकाये आज के समय की
*************************
इंसानियत जा चुकी हैं।
हैवानियत आ चुकी हैं।।

इन्सान अब सो चुका है।
हैवान अब जग चुका है।।

चुनावो का आज दौर है।
नेताओं का आज शोर है।।

बिजली पानी भी मुफ्त है।
राशन मकान भी मुफ्त है।।

भले ही लालच बुरी बला है।
पर जीतने की यही कला है।।

भ्रष्टाचार आज बेलगाम है।
करते सभी उसे सलाम है।।

भ्रष्टाचार चरमसीमा पर है।
जवान देश की सीमा पर है।।

सौ में से नब्बे बेईमान है।
फिर भी मेरा देश महान है।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 166 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
सोच
सोच
Sûrëkhâ Rãthí
मनोरम तेरा रूप एवं अन्य मुक्तक
मनोरम तेरा रूप एवं अन्य मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
♥️♥️ Dr. Arun Kumar shastri
♥️♥️ Dr. Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बेटी को जन्मदिन की बधाई
बेटी को जन्मदिन की बधाई
लक्ष्मी सिंह
गौतम बुद्ध रूप में इंसान ।
गौतम बुद्ध रूप में इंसान ।
Buddha Prakash
आज वक्त हूं खराब
आज वक्त हूं खराब
साहित्य गौरव
हर शायर जानता है
हर शायर जानता है
Nanki Patre
*जीवन में जब कठिन समय से गुजर रहे हो,जब मन बैचेन अशांत हो गय
*जीवन में जब कठिन समय से गुजर रहे हो,जब मन बैचेन अशांत हो गय
Shashi kala vyas
सबकी जात कुजात
सबकी जात कुजात
मानक लाल मनु
💐प्रेम कौतुक-363💐
💐प्रेम कौतुक-363💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Prastya...💐
Prastya...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बड़ी अजब है प्रीत की,
बड़ी अजब है प्रीत की,
sushil sarna
मुख्तलिफ होते हैं ज़माने में किरदार सभी।
मुख्तलिफ होते हैं ज़माने में किरदार सभी।
Phool gufran
सुखों से दूर ही रहते, दुखों के मीत हैं आँसू।
सुखों से दूर ही रहते, दुखों के मीत हैं आँसू।
डॉ.सीमा अग्रवाल
3125.*पूर्णिका*
3125.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*जमीं भी झूमने लगीं है*
*जमीं भी झूमने लगीं है*
Krishna Manshi
ख्वाहिश
ख्वाहिश
Neelam Sharma
"सूदखोरी"
Dr. Kishan tandon kranti
किसी से भी
किसी से भी
Dr fauzia Naseem shad
जब चांद चमक रहा था मेरे घर के सामने
जब चांद चमक रहा था मेरे घर के सामने
shabina. Naaz
खूब ठहाके लगा के बन्दे !
खूब ठहाके लगा के बन्दे !
Akash Yadav
जीवनमंथन
जीवनमंथन
Shyam Sundar Subramanian
पति की खुशी ,लंबी उम्र ,स्वास्थ्य के लिए,
पति की खुशी ,लंबी उम्र ,स्वास्थ्य के लिए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
“अकेला”
“अकेला”
DrLakshman Jha Parimal
खतरनाक आदमी / मुसाफ़िर बैठा
खतरनाक आदमी / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
आज हम याद करते
आज हम याद करते
अनिल अहिरवार
मुहब्बत की लिखावट में लिखा हर गुल का अफ़साना
मुहब्बत की लिखावट में लिखा हर गुल का अफ़साना
आर.एस. 'प्रीतम'
*जिंदगी भर धन जुटाया, बाद में किसको मिला (हिंदी गजल)*
*जिंदगी भर धन जुटाया, बाद में किसको मिला (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
किसी की सेवा या सहयोग
किसी की सेवा या सहयोग
*Author प्रणय प्रभात*
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
Loading...