Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Aug 2022 · 1 min read

Freedom

What the children want, is freedom
They want a life without strife,
They want to play with their chums
Day and night
Without parents’ fright.

What an adolescents want, is freedom
They want freedom in every aspects,
They want to take decision freely
Without the interferences of others.

What old people want, is freedom
They want to live their old life freely
They want freedom from their caretakers
And sons and daughters.

We must give them
The freedom of life,
The freedom of choice
And every freedom
To make the man satisfied
With their life.

Language: English
Tag: English Poems, Poem
3 Likes · 116 Views
You may also like:
सुनो स्त्री
सुनो स्त्री
Rashmi Sanjay
■ प्रभात वन्दन
■ प्रभात वन्दन
*Author प्रणय प्रभात*
खत्म हुआ मतदान अब
खत्म हुआ मतदान अब
विनोद सिल्ला
“ अकर्मण्यताक नागड़ि ”
“ अकर्मण्यताक नागड़ि ”
DrLakshman Jha Parimal
नाहक करे मलाल....
नाहक करे मलाल....
डॉ.सीमा अग्रवाल
हे काश !!
हे काश !!
Akash Yadav
ਵਾਲਾ ਕਰਕੇ ਮੁਕਰਨ ਵਾਲੇ
ਵਾਲਾ ਕਰਕੇ ਮੁਕਰਨ ਵਾਲੇ
Surinder blackpen
*बुंदेली दोहा बिषय- डेकची*
*बुंदेली दोहा बिषय- डेकची*
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मर जाऊँ क्या?
मर जाऊँ क्या?
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’
शायरी
शायरी
goutam shaw
मुझको मिट्टी
मुझको मिट्टी
Dr fauzia Naseem shad
💐अज्ञात के प्रति-3💐
💐अज्ञात के प्रति-3💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
डॉ अरुण कुमार शास्त्री -
डॉ अरुण कुमार शास्त्री -
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शब्द यदि हर अर्थ का, पर्याय होता जायेगा
शब्द यदि हर अर्थ का, पर्याय होता जायेगा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बेटियों की जिंदगी
बेटियों की जिंदगी
AMRESH KUMAR VERMA
जिंदगी उधेड़बुन का नाम नहीं है
जिंदगी उधेड़बुन का नाम नहीं है
कवि दीपक बवेजा
संयुक्त राष्ट्र संघ
संयुक्त राष्ट्र संघ
Shekhar Chandra Mitra
पंचगव्य
पंचगव्य
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
यही हमारा है धर्म
यही हमारा है धर्म
gurudeenverma198
# सुप्रभात .....
# सुप्रभात .....
Chinta netam " मन "
शतरंज है कविता
शतरंज है कविता
Satish Srijan
ओ परदेसी तेरे गांव ने बुलाया,
ओ परदेसी तेरे गांव ने बुलाया,
अनूप अम्बर
मुझसे बचकर वह अब जायेगा कहां
मुझसे बचकर वह अब जायेगा कहां
Ram Krishan Rastogi
ख़्वाहिश है की फिर तुझसे मुलाक़ात ना हो, राहें हमारी टकराएं,ऐसी कोई बात ना हो।
ख़्वाहिश है की फिर तुझसे मुलाक़ात ना हो, राहें हमारी...
Manisha Manjari
मैं रावण हूँ.....
मैं रावण हूँ.....
कुंदन सिंह बिहारी
समझदारी का तो पूछिए ना जनाब,
समझदारी का तो पूछिए ना जनाब,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
वेदनापूर्ण लय है
वेदनापूर्ण लय है
Varun Singh Gautam
खंड 6
खंड 6
Rambali Mishra
हास्य कुंडलियाँ
हास्य कुंडलियाँ
Ravi Prakash
तुम हो मेरे लिए जिंदगी की तरह
तुम हो मेरे लिए जिंदगी की तरह
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...