Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2021 · 1 min read

“Whenever I miss you”

whenever I miss you,

Like moonlight scatters.

My eyes get wet with

dreams,

Like the dew drops

coming down.

Whenever I’m lonely,

Your picture emerges

in front of me.

When it comes to spring

in my tales,

A sweet smile like a

flower color fill the sky.

You walk somewhere far away,

Comes in my thoughts.

In my deserted wildness

Falling apart as love.

You are on a feather

shimmer like dew,

As my night wish you

twinkle in the stars.

All my happiness in this

life is from you,

Then why do you keep talking

about going away from me?

Self composed–

Alok Pandey Garoth wale

24th Aug 2021

Language: English
Tag: Poem
2 Likes · 2 Comments · 746 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
Anand Kumar
कोशी के वटवृक्ष
कोशी के वटवृक्ष
Shashi Dhar Kumar
दर्द उसे होता है
दर्द उसे होता है
Harminder Kaur
तुम सात जन्मों की बात करते हो,
तुम सात जन्मों की बात करते हो,
लक्ष्मी सिंह
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
कवि दीपक बवेजा
कुंडलिया छंद विधान ( कुंडलिया छंद में ही )
कुंडलिया छंद विधान ( कुंडलिया छंद में ही )
Subhash Singhai
आब-ओ-हवा
आब-ओ-हवा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
My life's situation
My life's situation
Sukoon
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक "धूप के उजाले में" पर एक नजर
Paras Nath Jha
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
Neeraj Agarwal
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
Arghyadeep Chakraborty
तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार?
तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार?
महेश चन्द्र त्रिपाठी
वस्तु वस्तु का  विनिमय  होता  बातें उसी जमाने की।
वस्तु वस्तु का विनिमय होता बातें उसी जमाने की।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
पता नहीं था शायद
पता नहीं था शायद
Pratibha Pandey
उसका प्यार
उसका प्यार
Dr MusafiR BaithA
नवीन वर्ष (पञ्चचामर छन्द)
नवीन वर्ष (पञ्चचामर छन्द)
नाथ सोनांचली
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
सत्य कुमार प्रेमी
मईया एक सहारा
मईया एक सहारा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
“दुमका संस्मरण 3” ट्रांसपोर्ट सेवा (1965)
“दुमका संस्मरण 3” ट्रांसपोर्ट सेवा (1965)
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ख़ुद के होते हुए भी
ख़ुद के होते हुए भी
Dr fauzia Naseem shad
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
Manisha Manjari
आया पर्व पुनीत....
आया पर्व पुनीत....
डॉ.सीमा अग्रवाल
नारी शक्ति वंदन
नारी शक्ति वंदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
■ भूमिका (08 नवम्बर की)
■ भूमिका (08 नवम्बर की)
*Author प्रणय प्रभात*
#मायका #
#मायका #
rubichetanshukla 781
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
Yogendra Chaturwedi
स्याह रात मैं उनके खयालों की रोशनी है
स्याह रात मैं उनके खयालों की रोशनी है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
gurudeenverma198
Loading...