Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2021 · 1 min read

Cried all that Night

I cried all that night ,
But there was no one to console me except that dark sight
Tears rolled from my eyes ,
But only my pillow could feel my cries …
Cried for 1 hour , 2 hour ,
Then realized and asked for whom I was crying ?
The one who’s always fighting
Whose hobby is lieing ??…
After sometime I stopped to cry
My moist cheeks suddenly become dry
Though realisation came late
But was happy that it came
After that day , neither tears rolled from my eyes ,
Nor my pillow felt anymore cries …..

Language: English
Tag: Poem
5 Likes · 3 Comments · 557 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पीत पात सब झड़ गए,
पीत पात सब झड़ गए,
sushil sarna
लड़का पति बनने के लिए दहेज मांगता है चलो ठीक है
लड़का पति बनने के लिए दहेज मांगता है चलो ठीक है
शेखर सिंह
सरहद
सरहद
लक्ष्मी सिंह
तुम हो कौन ? समझ इसे
तुम हो कौन ? समझ इसे
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
International Day Against Drug Abuse
International Day Against Drug Abuse
Tushar Jagawat
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
Poonam Matia
धुप मे चलने और जलने का मज़ाक की कुछ अलग है क्योंकि छाव देखते
धुप मे चलने और जलने का मज़ाक की कुछ अलग है क्योंकि छाव देखते
Ranjeet kumar patre
#आज_का_क़ता (मुक्तक)
#आज_का_क़ता (मुक्तक)
*प्रणय प्रभात*
पारिवारिक संबंध, विश्वास का मोहताज नहीं होता, क्योंकि वो प्र
पारिवारिक संबंध, विश्वास का मोहताज नहीं होता, क्योंकि वो प्र
Sanjay ' शून्य'
कुछ अजीब से वाक्या मेरे संग हो रहे हैं
कुछ अजीब से वाक्या मेरे संग हो रहे हैं
Ajad Mandori
"प्रेम सपन सलोना सा"
Dr. Kishan tandon kranti
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
Atul "Krishn"
कौन कहता है कि नदी सागर में
कौन कहता है कि नदी सागर में
Anil Mishra Prahari
It’s all a process. Nothing is built or grown in a day.
It’s all a process. Nothing is built or grown in a day.
पूर्वार्थ
राम है आये!
राम है आये!
Bodhisatva kastooriya
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
नूरफातिमा खातून नूरी
*सूरत चाहे जैसी भी हो, पर मुस्काऍं होली में 【 हिंदी गजल/ गीत
*सूरत चाहे जैसी भी हो, पर मुस्काऍं होली में 【 हिंदी गजल/ गीत
Ravi Prakash
2564.पूर्णिका
2564.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
भैया  के माथे तिलक लगाने बहना आई दूर से
भैया के माथे तिलक लगाने बहना आई दूर से
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ईश्वर
ईश्वर
Shyam Sundar Subramanian
कोई मंझधार में पड़ा है
कोई मंझधार में पड़ा है
VINOD CHAUHAN
Waste your time 😜
Waste your time 😜
Otteri Selvakumar
गुरु दीक्षा
गुरु दीक्षा
GOVIND UIKEY
नज़्म _ तन्हा कश्ती , तन्हा ये समन्दर है ,
नज़्म _ तन्हा कश्ती , तन्हा ये समन्दर है ,
Neelofar Khan
है खबर यहीं के तेरा इंतजार है
है खबर यहीं के तेरा इंतजार है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
🙏 *गुरु चरणों की धूल* 🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल* 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ख़ुदा करे ये कयामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
ख़ुदा करे ये कयामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आ जाते हैं जब कभी, उमड़ घुमड़ घन श्याम।
आ जाते हैं जब कभी, उमड़ घुमड़ घन श्याम।
surenderpal vaidya
आशा की किरण
आशा की किरण
Neeraj Agarwal
Loading...