Dr. Vivek Kumar "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Vivek Kumar 24 Jan 2017 · 1 min read बेटिया बेटिया समय के साथ समझने लगती है इस रहस्य को क्यों असमय बूढ़े होते जा रहे हैं उसके पिता। वह जानती है, उसकी बढ़ती उम्र ही है पिता के बार्धक्य... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 937 Share