Pradeep Bhatt "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Pradeep Bhatt 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियां बेटियां आज भी ये हुनर ले के चलती हैं लाख गम हो मगर वो मुस्कुरा के चलती हैं कब समझता जहां ये आँसुओं की कीमत है बस रहे मौन... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 453 Share