बेटियां
बेटियाँ ~~~||||~~~ मापनी--212 212 212 212 समान्त--अती पदान्त--बेटियाँ ************************* वक्त से कीर्तियां खोजती बेटियाँ। फर्ज रिश्ते सभी सींचती बेटियाँ। भाल ऊँचा किया कर्म से है सदा, साधकर लक्ष्य को भेदती...
"बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017