मोनिका भाम्भू कलाना "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid मोनिका भाम्भू कलाना 10 Jan 2017 · 1 min read बेटी हूँ मैं... लाख जंजीरें हो बंधी हुई कितनी ही बेड़ियों में जकड़ी हुई ख़ुशी से सब सहती हूँ मैं किसी से कुछ न कहती हूँ मैं सदा ख़्याल है मुझे आख़िर एक... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 978 Share