जगदीश लववंशी "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid जगदीश लववंशी 11 Jan 2017 · 1 min read बेटियां मंदिर मस्जिद टेका माथा, कर मिन्नतें सबको साधा, तब….. एक छोटी सी नन्ही कली, मेरे घर आँगन में खिली, लाई संग खुशियां हजार, जीवन में आयी नई बहार, वो हैं... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share