बसंत कुमार शर्मा "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid बसंत कुमार शर्मा 17 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ देश क्या परदेश में भी, छा रहीं हैं बेटियाँ हर ख़ुशी को आज घर में, ला रहीं हैं बेटियाँ बाग हमने जो लगाये, थे यहाँ पर देख लो फूल सबमें... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 699 Share