आनंद बिहारी "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid आनंद बिहारी 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियां हैं तो आँगन है... बेटियां हैं तो ये आँगन है, बेटियां हैं तो घर है बेटियां जग में ना हों, तो कौन नहीं बेघर है।1। मेरी बेटी, तेरी बेटी, सबकी बेटियां इक जैसी बेटियों... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 817 Share