Zia Zameer "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Zia Zameer 22 Jan 2017 · 1 min read बिटिया नन्ही सी गुनगुनी हंसी से घर आंगन महकाने वाली भोली सी दो आंखों में सब सपने सिमटा जाने वाली बादल की गर्जन सुन सुनकर गोद को गोद बनाने वाली हल्की... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 597 Share