Shravan Sagar "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Shravan Sagar 17 Jan 2017 · 1 min read बेटी $ बेटी का आँगन $ एक सफर, जिसकी शुरुआत होने को है। अग्नि को साक्षी मानकर, सात फेरों से होते हुये... सात जन्मों का बंधन। हर फेरे में, साथ जीने... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 599 Share