रहमत से भरपूर ,खुदा की नेमत हैं
रहमत से भरपूर,खुदा की नेमत हैं "ये बेटियाँ" ------------------------------- जब भी गुड्डे गुड्डीओं के खेल में अपनी गुड़िया को मैने डोली में बिठाया था उसका हाथ बड़े प्यार से गुड्डे...
"बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017