Madhumita Bhattacharjee Nayyar "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Madhumita Bhattacharjee Nayyar 15 Jan 2017 · 2 min read बेटी की अभिलाषा आज भी मै बेटी हूँ तुम्हारी, बन पाई पर ना तुम्हारी दुलारी, हरदम तुम लोगों ने जाना पराई, कर दी जल्दी मेरी विदाई। जैसे थी तुम सब पर बोझ, मुझे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share