किरण मिश्रा "स्वयंसिद्धा' "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid किरण मिश्रा "स्वयंसिद्धा' 24 Jan 2017 · 1 min read क्यूँकि हम बेटियाँ हैं रचनाकार-किरणमिश्रा विधा-कविता "क्यूँकि हम बेटियाँ हैं" महकाऊंगी कोख तुम्हारी, बोवोगे गर बेटियाँ! बंजर हो जायेगी सारी दुनिया, मारोगे गर बेटियाँ !! अमूल्य निधि हूँ,मुझको पहचानो दोनों कुल की आन हूँ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 3k Share