KR wanika "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid KR wanika 25 Jan 2017 · 1 min read वृक्ष और बेटी -:वृक्ष और बेटी:- तुम फलते हो मैं खिलती हूँ, तुम कटते हो मैं मिटती हूँ; तुम उनके स्वार्थ की खातिर, मैं उनके सपनों की खातिर। मैं बनकर माँ बेटी पत्नी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 502 Share