Posts Poetry Writing Challenge-3 250 authors · 5361 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 12 Next कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read समय लिखेगा कभी किसी दिन तेरा भी इतिहास मोरपंख से, स्वर्णाक्षर में, क्रीड़ा-रुदन-हास समय लिखेगा कभी किसी दिन तेरा भी इतिहास। नव प्रभात हो, नव वेला हो, प्रतिपल नव-नव रूप रहे, मंजुल मंजु गान प्रसारित, मुदित प्रभा नव... Poetry Writing Challenge-3 50 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read विश्वास विश्वास करो दिन बदलेगा होते सब दिन समान कहाँ ? बहती नदियाँ झरने पर्वत कब रहें जमाकर जड़ें यहाँ ? मेहनत से जो मुँह मोड़ोगे, जंजीरें कैसे तोड़ोगे ? राहों... Poetry Writing Challenge-3 34 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read समय नहीं समझता कभी किसी का रुदन या परिहास । समय नचाता कहीं किसी को, कहीं किसी का दास। हरिश्चन्द्र एक सत्यनिष्ठ, दुनिया का बड़ा सहारा। पत्नी-बेटे-स्वयं बिक गए, समय ने... Poetry Writing Challenge-3 31 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read मैं मज़दूर हूँ मेरी मेहनत तेरे घर की चावल- रोटी बनती है, मेरे पाँव के छालों से तेरा घर फूलता-फूलता है, पीठ हमारी जलती है तो चूल्हा तेरा जलता है, मेरी थाली की... Poetry Writing Challenge-3 49 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read आवाज न जानें क्यूं कहा हमसे उन्होंने आज उनकी आवाज से मिलादें अपनी आवाज काश कि वो हमें अब चाहने लगे हैं, शायद तभी थी उनकी ये आरजू भरी आवाज |... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 46 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read हे जगतारिणी हे जगतारिणी। वीणाधारिणी। जगजननी माँ शारदे ! तू जग को तार दे ! ये जग अँधेरे से घिरा है। आदमी पद से कितना गिरा है! सबको ज्ञान का सार दे... Poetry Writing Challenge-3 61 Share Priyank Upadhyay 29 May 2024 · 1 min read ।। हमारे वीर जवान ।। तिरंगा लहरा रहा है विश्व सर नवा रहा है। भूल मत जाना हमारे देश के उन लाल को।। जिसके कारण ये तिरंगा विश्व को दहला रहा है। आगे आए चाहे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 113 Share डॉक्टर रागिनी 29 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल (बड़ा है खिलाड़ी ,खिलाता है तू ..................)..................... बड़ा है खिलाड़ी ,खिलाता है तू ....................................... अदाओं से अपनी रिझाता है तू। नमी पत्थरों में जगाता है तू ।। बनाता मिटाता जहां को भी तू बड़ा है खिलाड़ी खिलाता... Poetry Writing Challenge-3 1 1 63 Share डॉक्टर रागिनी 29 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल (याद ने उसकी सताया देर तक) ग़ज़ल याद ने उसकी सताया देर तक धूप रहती है न साया देर तक चाँदनी रातों में मिलने आयेगा ख़्वाब मीठा इक सजाया देर तक छोड़ कर महफ़िल गये जो... Poetry Writing Challenge-3 2 56 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read कहीं तीसी फुला गईल कहीं तीसी फुला गईल, कहीं मिसरी घुला गईल, ई बसन्त आवत-आवत, हियरा जुड़ा गईल ! लीचियो के डारी मोजर, अमवो के गाछ साजल, कोईली बिदेसी आके, सब डार-पात नाचल ।... Poetry Writing Challenge-3 36 Share डॉक्टर रागिनी 29 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल (हुआ असर उनसे रू ब रू का) *अजीब मंज़र ये कू ब कू का* --------------------------------------- हुआ असर उनसे रू ब रू का ये रंग रोशन जो मू औ रू का भरी है नफ़रत दिलों मे हरसू नही... Poetry Writing Challenge-3 66 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read इशारा आंखें ये उनकी क्या कह रही हैं यूं पलकों को उठा और झपका रहीं हैं कभी तिरछी होकर हमें निहारती हैं कभी मुस्कुराकर जलवा दिखाती हैं हम समझ नहीं पाते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 69 Share डॉक्टर रागिनी 29 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल (गहराइयाँ ग़ज़ल में.....) ग़ज़ल सच्ची मुहब्बतों की अमराइयाँ ग़ज़ल में। अन्दाज़ से हैं बाहर गहराइयाँ ग़ज़ल में।। मिलने पे कह न पाए उनसे जो बात दिल की, तन्हाई में वो कह दी अच्छाइयाँ... Poetry Writing Challenge-3 91 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read वो चेहरा सुमन सा सुंदर , मोह सा मोहक प्रेम सा प्रिय, भाव सा भावुक स्पंदन सा कंपित , रूदन सा पीड़ित स्मृति सा स्मारक वो चेहरा ... मुझे देख छुप जाता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 47 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read आंगन आंगन खुशियों से महकता सा आंगन ... दस्तकों से दमकता सा | कभी उनकी आहट का सुकून देता कभी उनके आने का सबूत देता | अगले ही क्षण यूं कहने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 59 Share आर.एस. 'प्रीतम' 29 May 2024 · 1 min read गीत- मिली है ज़िंदगी इसको... मिली है ज़िंदगी इसको सजाएँ हम मुहब्बत से। भरें हर रंग रंगोली बनाएँ दिल मुहब्बत से।। शरद की धूप जैसी हो पतंगों-सी उड़े हरपल। ये मधुबन रूप जैसी हो मिले... Poetry Writing Challenge-3 2 79 Share Santosh kumar Miri 29 May 2024 · 1 min read नवतपा की लव स्टोरी (व्यंग्य) नवतपा की लव स्टोरी ऐ नवतपा मुझे इतना न सता हर साल तू अपनी औकात न बता हर हाल में मुझे चलने आता है तू बार बार मुझे ही सताता... Poetry Writing Challenge-3 · हास्य-व्यंग्य 1 106 Share R D Jangra 29 May 2024 · 1 min read सुखी कौन... "इस जहां में... कौन सुखी है... बस वही आर.डी..... जिसका पड़ोसी दुःखी है !! 28.12.2014 Poetry Writing Challenge-3 1 69 Share Awadhesh Singh 29 May 2024 · 1 min read खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी ************************ तुम कितने बदले जैसे बदलता रहता है यह मौसम बस नहीं है इस पर किसी का तुम कितना दूर दूर रहे जैसे पहाड़ी घरों... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poems Of Love · Love · Love Poem · Love Poetry · कविता 1 122 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read आएगा ज़माना उलटबांसी का, कह गये थे संत कबीर तक़दीर साथ देती मगर, शायद तदबीर ज़्यादा हो गया, ख़ुदा भी उसी का है आजकल, जो अमीर ज़्यादा हो गया। ***** बेईमानी, हेरा-फेरी, चोरी-डकैती का बोलबाला देखिए, जो कायदे-कानून का... Poetry Writing Challenge-3 1 86 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read कुछ असली दर्द हैं, कुछ बनावटी मुसर्रतें हैं कुछ उम्र के सब्ज़ बाग़ हुए, कुछ हकीकतें हैं, कुछ असली दर्द हैं, कुछ बनावटी मुसर्रतें हैं। **** कब तक मुकरिएगा, पगडंडियों के हालात से, राहों में कदम-कदम पर, नई-नई... Poetry Writing Challenge-3 69 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read कुछ हम निभाते रहे, कुछ वो निभाते रहे आशिक़ी में ज़्यादा उम्मीद भी क्या करते, हम वफ़ा करते रहे, और वो ज़फ़ा करते रहे। **** ज़माने की नज़र में रिश्ता कामयाब रहा, कुछ हम निभाते रहे, कुछ वो... Poetry Writing Challenge-3 65 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read आने दो कुँवार, खिलेगी सुनहरी धान कम आ रहे हो ख़़्वाबों में आजकल, शायद, पौष की लंबी रातों में आओगे। **** रूठे रहो यों ही, दो-चार महीने और, ख़ुद ही एक रोज़ बातों-बातों में आओगे। ****... Poetry Writing Challenge-3 64 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read तुम्हारी गली से आने जाने लगे हैं मेरी पेशानी पे तुम्हारा अक्स देखकर लोग, मुझे तुम्हारे नाम से पुकारने लगे हैं। **** ख़ुदा जाने ये कैसा हसीन माजरा है, लोग मेरा नाम तुमसे जोड़ने लगे हैं। ****... Poetry Writing Challenge-3 87 Share आर.एस. 'प्रीतम' 29 May 2024 · 1 min read गीत- बहुत गर्मी लिए रुत है... बहुत गर्मी लिए रुत है किधर को जा रहे हो तुम। जवानी की बचो लू से किधर को जा रहे हो तुम।। क़दम बहके दिशाएँ भूल जाते हैं जवानी में।... Poetry Writing Challenge-3 1 36 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read सिर्फ़ तुम्हें सुनाना चाहता हूँ मैं अक्सर, अपने बारे में पता करते रहता हूं, तुम्हीं नहीं, मैं भी ख़ुद को जानना चाहता हूं। ✍️✍️ बारहा मुझसे सवाल न किया करो, मेरे बारे में, मैं भी... Poetry Writing Challenge-3 70 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read कुछ हम निभाते रहे, कुछ वो निभाते रहे वो सुबह सबेरे, ज़्यादा मुस्कुरा कर पेश आया, जिसने कल रात, मेरे पीठ पर वार किया था। ☘️☘️ उसने कभी इज़हार-ए-इश्क़ हमसे किया नहीं, कहता है, उसने उम्रभर हमसे प्यार... Poetry Writing Challenge-3 50 Share Lovi Mishra 29 May 2024 · 1 min read हम हमेशा साथ रहेंगे हम हमेशा साथ रहेंगे हों चाहे पर्वत की ऊँचाइयाँ या फिर हों सागर की गहराइयाँ नदियों में दिखती हों परछाइयाँ हम सदा संग मिलकर बहेंगे हम हमेशा साथ रहेंगे….. हम... Poetry Writing Challenge-3 · Love Lines · Love Poetry · Love Quote · कविता · प्रेम कविता 1 123 Share surenderpal vaidya 29 May 2024 · 1 min read अतिथि मुक्तक ~~~ खूब करें सत्कार अतिथि का, यह भारत की रीत। इसे निभाते हैं मन से सब, लिए हृदय में प्रीत। किन्तु अतिथि को यही चाहिए, दर्शाएं आभार। इसी तरह... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक · सरसी छंद 1 116 Share Madhuri mahakash 29 May 2024 · 1 min read 🌿मनमौजा🌿 🌿मनमौजा🌿 मौजा बैठा गुरु धाम में मनवा करे किलोल बाहर बतिया एक न फूटे मनवा बाजे ढोल। फूल फुलाये भर भर बगिया, भीतर फूटे बास सारा कपट कलुष हेराई हिरदा... Poetry Writing Challenge-3 87 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read जबसे देखा शहर तुम्हारा, अपना शहर भूल गए एक रात, इतने क़रीब आ गया महताब मिरे, दिनों तक हम, राह-ए-रश्क-ए-कम़र भूल गए। ☘️☘️ हम जब भी मिले हैं, महबूब से उनके घर पर, जाने क्यों वापसी में अपने... Poetry Writing Challenge-3 81 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read जहाँ मुर्दे ही मुर्दे हों, वहाँ ज़िंदगी क्या करेगी बीमारों की बस्ती में, ज़िंदादिली क्या करेगी, जहाँ मुर्दे ही मुर्दे हों, वहाँ ज़िंदगी क्या करेगी। ☘️☘️ दौलतें, शान-ओ-शोहरतें, पोशीदा हक़ीक़तें हैं, दिखावटी ज़माने में, तुम्हारी सादगी क्या करेगी। ☘️☘️... Poetry Writing Challenge-3 74 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read अब ठहरना चाहता हूँ, कुछ दिनों तुम्हारे शहर में कहीं बसना चाहता हूँँ, कुछ दिनों, बहुत भटका हूँ, अब ठहरना चाहता हूँ, कुछ दिनों। 🌺🌺 सोचता, चलता, तलाशता, थकता, बिखर चुका हूँ, तुम्हारे ख़यालों में सिमटना... Poetry Writing Challenge-3 60 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read फ़ानी है दौलतों की असलियत ख़ुमारी अगर सहर तक न रहे, शराब में शब जाया क्या करना। ☘️☘️ गर वो ही न पढ़ें, नज़्म हमारी, अख़बार में साया क्या करना। ☘️☘️ उनसे मिलना कभी होगा... Poetry Writing Challenge-3 56 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read तक़दीर का क्या, कभी रूठी, कभी संभल गई सारी क़वायदें, बेपरवाह जु़स्तुज़ू में लग गई, और उम्र का क्या, उसे ढलना था, ढल गई। 🌺🌺 जवानी, बा-मुराद गुज़र रही थी, गुज़र जाती, मगर, एक रोज़ ये कमबख़्त नज़र... Poetry Writing Challenge-3 37 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read दर्द-ओ-ग़म की टीस हंसाते रहती है तुम्हें क्या बताऊँ, अपने हंसने चहकने का राज़, दर्द-ओ-ग़म की टीस है कि, हंसाते रहती है। 🌺🌺 कई बार हमने छोड़ डाला, हाला प्याला मधुशाला, साकी की ज़िद है कि,... Poetry Writing Challenge-3 44 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read आते जाते रोज़, ख़ूँ-रेज़ी हादसे ही हादसे सोचता हूँ, एक रोज़ अपना भी शहर देख लूँ, जहाँ चौबीसों पहर रहता हूँ, वो घर देख लूँ। ✍️✍️ गुनगुनी धूप, चहकती गौरेया, चमकते मकान, भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में, कभी... Poetry Writing Challenge-3 63 Share manorath maharaj 29 May 2024 · 2 min read मलता रहा हाथ बेचारा मलता रहा हाथ बेचारा । नदी किनारे एक पेड़ पर रहता था एक बंदर प्यारा पेड़ के नीचे बहती थी नदी की अविरल जल-धारा फलता था स्वादिष्ट फल सारा उस... Poetry Writing Challenge-3 1 59 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read फ़ासले ही फ़ासले हैं, मुझसे भी मेरे निकल तो आया हूँ दूर, तलाश में अपनी, किसी को छोड़ आया, किसी से मिल नहीं पाया। ✍️✍️ फ़ासले ही फ़ासले हैं, मुझसे भी मेरे, गैरों को समझा, ख़ुद को... Poetry Writing Challenge-3 47 Share manorath maharaj 29 May 2024 · 2 min read एक अधूरी कविता। एक अधूरी कविता एक उमंग उस दिन आकर काव्य दीप जला डाला मैंने भी कुछ शब्दों को चुन कविता एक बना डाला देख अपनी काव्य कुशलता दिल-दिमाग उद्वेग हुआ गर्वित... Poetry Writing Challenge-3 53 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read जब से देखा रास्ते बेईमानी से निकलते हैं बदलते मौसम की तरह हो गया हूँ मैं भी, सुबह और, शाम कुछ और, हो गया हूँ मैं भी। ☘️☘️ ख़ुद से ख़ुद के दरमियाँ फ़र्क गिनता हूँ, कि कब... Poetry Writing Challenge-3 33 Share Rambali Mishra 29 May 2024 · 1 min read गीत *गीत (सजल)* गाली और प्रशंसा दोनों,जब लगते हैं एक समान। तब समझो शिव सिद्धि निकट है,होना है अनुपम बलवान। सदा समर्थन या विरोध का,रखता कभी नहीं जो ख्याल। उसके आगे... Poetry Writing Challenge-3 1 35 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read पहचान लेता हूँ उन्हें पोशीदा हिज़ाब में शाम गुज़र तो गई नशीली शराब में, दिन बेचैन रहेगा उन्हीं के ख़्वाब में। ☘️☘️ जाने क्यों, आईना सही बताता नहीं, तलाशता हूँ अक़्स प्याला-ए-आब में। ☘️☘️ उनके बदन की... Poetry Writing Challenge-3 1 57 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read दो ग़ज़ जमीं अपने वास्ते तलाश रहा हूँ बेबसी और बेकसी के बीच रास्ते तलाश रहा हूँ, महँगे बाज़ार में सामान, सस्ते तलाश रहा हूँ। 🌺🌺 कौन आए, दोपहर की धूप में मिलने मुझसे , तंग दौर में... Poetry Writing Challenge-3 53 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read दिया जा रहा था शराब में थोड़ा जहर मुझे कितने धोखे दिए हैं, इस शहर ने मुझे, रात ढलने के बाद गिनाया, सहर ने मुझे। 🌺🌺 मैं समझता रहा, ख़ुद को सयाना ज़रूर, कई मर्तबा गिराया, मेरी ही नज़र... Poetry Writing Challenge-3 63 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read जोख़िम दग़ा का अज़ीज़ों से ज़्यादा किसी के ठहरने से, वक़्त कहाँ ठहरता है, ये सिलसिला है, मुसलसल बना रहता है। ☘️☘️ बेपरवाह नहीं होती, नादान ख़्वाहिशें कभी, उल्फ़त को भी, असलियत का पता रहता है।... Poetry Writing Challenge-3 59 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read शाम वापसी का वादा, कोई कर नहीं सकता सोने की वरक़ पे नक़्क़ाशा हूँ, नाम उनका, आड़े वक़्त कभी इसे, बेच भी नहीं सकता। ☘️☘️ इस क़दर लदा हूँ, जाने किसके ख़याल में, पत्थर भी आसानी से, मुझे... Poetry Writing Challenge-3 1 35 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read ‘मंज़र’ इश्क़ में शहीद है मामूली दर्द-ओ-ग़म में, उनका ख़याल काफ़ी है, संजीदा मुश्किलों में लेकिन, शराब ही मुफ़ीद है। 🌺🌺 महबूब ने वायदा तो ख़ूब किया, लंबे सफर का, दिनभर साथ न आए, शाम... Poetry Writing Challenge-3 1 37 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read तुम कहो उम्र दरकिनार कर जाएं इतना भी नहीं अफ़सोस, आशिक़ी का हमें, कि तुम चाहो, और हम इश्क़ से मुक़र जाएं। ☘️☘️ उम्र ढलती रही, लेकिन दिल जवां होता रहा, तुम कहो तो, उम्र को... Poetry Writing Challenge-3 24 Share Shreedhar 29 May 2024 · 1 min read मौसमों की माफ़िक़ लोग --- साग़र-ओ-मीना-ओ-गुल, मेरेे रूहानी शौक़ तो देखिए पाँवों में परहेज़ों की बेड़ी और रूमानी ख़्वाब देखिए। ☘️☘️ नीम-बाज़-आँखें मिरी, और नीम-बाज़-रुख़सार उनके, फिर भी दरम्यां हमारे, ताज़िंदगी रिश्ता शादाब देखिए।... Poetry Writing Challenge-3 42 Share Previous Page 12 Next