Posts Poetry Writing Challenge-3 250 authors · 5361 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 11 Next महेश चन्द्र त्रिपाठी 30 May 2024 · 1 min read अपना सब संसार अपनी मिट्टी, महल है अपना अपना सब संसार सब कुछ अपना ही अपना है कहाँ दूसरा यार? हमीं ब्रह्म हैं, पंच तत्व हम हम ही हैं ब्रह्माण्ड हम ही हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 115 Share Kanchan Advaita 30 May 2024 · 1 min read सात समंदर पार वो बादलों के ऊपर उड़ता जहाज़ तुम्हें मुझसे बहुत दूर सात समंदर पार ले गया जैसे मेरे अंदर कुछ टूट कर बिखरता गया हाथों से कुछ छूटता गया वो जहाज़... Poetry Writing Challenge-3 1 72 Share Kanchan Advaita 30 May 2024 · 1 min read बचपन की यादें बचपन की यादें सबसे खूबसूरत तस्वीरें वो बेफिक्री वो मासूमियत दुनियादारी के तमाम रंगों से अनजान वो मस्त नींद से जाग कर स्कूल के लिए तैयार होना क्लास के सहपाठियों... Poetry Writing Challenge-3 67 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 30 May 2024 · 1 min read प्रयास है चन्द्र छिपा कबसे, बैठा सूरज के पीछे, लम्बी सी अमावस को, पूनम से सजाना है। चमकाना है अपनी, हस्ती को इस हद तक, कि सूरज को भी हमसे, फीका... Poetry Writing Challenge-3 · दीपक कुमार श्रीवास्तव नील पदम् · दीपक नील पदम् · दीपक नीलपदम · दीपकनीलपदम् · नजरिया-ए-नील पदम् 1 95 Share indu parashar 30 May 2024 · 1 min read बिटिया (प्रेम की प्रतिमा) बिटिया (प्रेम की प्रतिमा) तुम हमारे प्रेम की, साकार प्रतिमा, कल्पनाओं की मधुर, स्मृति तुम्ही हो। तुम हमारी रुचिर प्यारी, अल्पना हो, औ विधाता की अनूठी, कृति तुम्ही हो। सृष्टि... Poetry Writing Challenge-3 · नारी 90 Share indu parashar 30 May 2024 · 2 min read बेटी-नामा बेटी-नामा आई जबसे गर्भ में, करवाती अहसास। माँ मैं तेरी लाड़ली, रहूँ हृदय के पास। माँ की धड़कन से जुड़े, उस धड़कन के तार। करे मूक संवाद वह, नहीं प्यार... Poetry Writing Challenge-3 · नारी 71 Share indu parashar 30 May 2024 · 1 min read आगमन वसंत का आगमन वसंत का आया नहीं वसंत द्वार पर, कभी लगाने फेरे । बिन वसंत ही इस जीवन को, रही उदासी घेरे। मैं वसंत से किए शिकायत, नहीं जान पाई थी।... Poetry Writing Challenge-3 · नारी 69 Share indu parashar 30 May 2024 · 1 min read इक छाया सी इक छाया सी आशीषें बरसाईं मुझ पर, सदा प्यार वर्षाया । मुझ नादान, नवेली को, जिनने अनुभवी बनाया। समझ न पाई कभी प्रेम की, लहरें जो मन में थीं। दे... Poetry Writing Challenge-3 · नारी 83 Share indu parashar 30 May 2024 · 1 min read बेटियां बेटियां गोदी में छुप मुस्काती हैं, प्यारी-प्यारी बेटियां। नन्हे हाथों से दुलराती, प्रेम लुटाती बेटियां। अंधियारे में उजला दीपक, सदा जलाती बेटियां। सूने घर में खुशियां भर कर, स्वर्ग बनाती... Poetry Writing Challenge-3 · नारी 67 Share Kanchan Advaita 30 May 2024 · 1 min read उसी वादी में नीरव तुम मुझे वहीं मिलना उसी वादी में जिसका जिक्र रूमी ने किया है जहाँ सब कुछ सुंदर है हर सही गलत की परिभाषा से परे बस, तुम और मैं... Poetry Writing Challenge-3 101 Share Harinarayan Tanha 30 May 2024 · 1 min read कल के नायक आज बनेंगे सदगुण अगर बालक पाएगा तभी दुर्गुणों से दूर रह पाएगा संस्कृति को अगर जान पाएगा तभी संस्कृति को सम्मान दिलाएगा संस्कार जो बचपन में मिलेंगे वही युवावस्था में परिलक्षित करेंगे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 78 Share indu parashar 30 May 2024 · 1 min read आनंद बरसे सर्वदा आनंद बरसे सर्वदा बेटी चली पी की गली, सौभाग्य की बेला खिली। आओ अशीषें प्यार से, कर दें विदा सत्कार से। बेटी तुम्हीं सौभाग्य हो, दैदीप्य, तेरा भाग्य हो। यह... Poetry Writing Challenge-3 · नारी 54 Share Harinarayan Tanha 30 May 2024 · 1 min read हे युवा पीढ़ी सुनो हे युवा पीढ़ी सुनो आदर्श तुम अपने बहुत सावधान होकर चुनो तुम्हारे वर्तमान होरो जो है वो सब के सब भीतर से खोखले हैं और चरित्र से बहुत ही दोगले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 68 Share indu parashar 30 May 2024 · 1 min read माँ नहीं है देह नश्वर मांँ नहीं है देह नश्वर शीत ऋतु की उस ठिठुरती रात में, संदेश आया। जा मिली है पंच तत्वों में , सुगढ़ वह क्षीण काया। किंतु मेरा मन ,कभी, इस... Poetry Writing Challenge-3 · नारी 76 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 30 May 2024 · 1 min read डूबे किश्ती तो क्यों उसकी आवाज मुझ तक नहीं पहुंची, बुलाया होगा मगर, दूर से बुलाया होगा। आँखें नम हैं और इनमें कोई तिनका भी नहीं, बात कुछ और है, किसी ने रुलाया... Poetry Writing Challenge-3 · दीपक कुमार श्रीवास्तव नील पदम् · दीपक नील पदम् · दीपक नीलपदम · नजरिया-ए-नीलपदम् · नील पदम् की कवितायेँ 2 2 90 Share indu parashar 30 May 2024 · 1 min read निर्णय निर्णय सौ ताने सुन सहमती, माँ मेरी मजबूर । पहली भी बेटी हुई, उसका यही कसूर । माँ को लेकर चल पड़े, मन बेटे की आस। भ्रूण परीक्षण के लिए,... Poetry Writing Challenge-3 75 Share indu parashar 30 May 2024 · 1 min read अभिलाषा अभिलाषा मात-पिता की अभिलाषाओं की, सुंदर प्रतिमूर्ति बनूं। परिजन में जितने रिश्ते हैं, सब रिश्तो का सेतु बनूं। जिस घर के आंगन में सुंदर, होवे तुलसी का बिरवा। और चिड़ियों... Poetry Writing Challenge-3 57 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 30 May 2024 · 1 min read रोटियों के हाथों में रोटियों के हाथों में, जब गर्दनें जकड़ी गईं, सोते हुए पहाड़ के, पैरों को भी चला दिया। रोटियों के हाथों में, जब गर्दनें जकड़ी गईं, अकड़े हुए ईमान के, दरख़्त... Poetry Writing Challenge-3 · दीपक कुमार श्रीवास्तव नील पदम् · दीपक नील पदम् · दीपक नीलपदम · नजरिया-ए-नील पदम् · नील पदम् की कवितायेँ 1 98 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 30 May 2024 · 1 min read वक़्त की आँधियाँ धूप सी बरस रही थी, साँझ ने सुला दिया, आँसुओं को गीली सी, मुस्कान ने रुला दिया। वक़्त की जब चलीं, आंधियाँ उड़ा सब चलीं, सख्त सी दीवार को, फुहार... Poetry Writing Challenge-3 · दीपक कुमार श्रीवास्तव नील पदम् · दीपक नील पदम् · दीपक नीलपदम · नजरिया-ए-नील पदम् · नील पदम् की कवितायेँ 1 75 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 30 May 2024 · 1 min read गृहणी का बुद्ध कभी खिड़कियों से झाँकती बुद्ध को, कभी घर की दीवारों से सुनती बुद्ध को, और किसी कोने में सजी बुद्ध को, तरतीब करती और उसपे चढ़ी धूल को पोछती उसी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 124 Share Ruchika Rai 30 May 2024 · 1 min read यकीन मुझे यक़ीन है, ईश्वर की बनाई इस सृष्टि में उनके द्वारा तय की गई परीक्षाओं की सार्थकता पर जब भी परीक्षाएं आती हैं कुछ न कुछ सिखाकर मुझे जाती हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 102 Share डॉ नवीन जोशी 'नवल' 29 May 2024 · 1 min read याचना मातु तेरे द्वार आऊॅं, थाल दीपों की लिये, भाव की बाती बनाऊँ, याचनाओं के दिये। तेल मेरी कामनाएं, और ज्वाला हृदय की, बाल दूँ दर पे सभी मैं, शीश चरणों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 87 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read बदला हूं मैं धूप वो तपती वो जलते पैर मजबूरी और नंगे पांव की सैर | बदला नहीं है कुछ भी सबकुछ है वही वही तपती धूप वही है रहगुजर | रहगुजर मुश्किल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 79 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read कविता शब्द अनन्य भावों का बोध कराते प्रथक प्रथक स्थान लिए स्मृति पटल पर अंकित हो जाते हैं | यही शब्द संचित होकर विचार बन जाते हैं विचार होते हैं कभी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 72 Share Ravi Betulwala 29 May 2024 · 1 min read क़म्बख्त ये बेपरवाही कहीं उलझा ना दे मुझको, क़म्बख्त ये बेपरवाही कहीं उलझा ना दे मुझको, जितना लगता हूँ सुलझा हुआ.. उतना ही बहका हुआ हूँ मैं, रात का मुसाफिर हूँ अंधेरों से याराना है.. डरना मैंने सीखा... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 70 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read पलक कल ये जो उठी तो चांद नजर आया , और जब ये झपकीं तो धुंध अंधेरा छाया काश झपकना इनकी फितरत में न होता हम इक टक उस चांद को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 80 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read मौसम तपती धूप में नंगे पैर चलते हैं , मजबूरी में इन बादलों का जुल्म सहते हैं , भीगना चाहते नहीं मगर भीगते हैं वो , ठंड की ठिठुरन को भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 93 Share Ravi Betulwala 29 May 2024 · 1 min read लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है, लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है, तुम ही करीब आये थे और तुम ही दूर जा रही हो... खुदा जाने किस तरह का इश्क़ निभाया जा रहा है,... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 81 Share Ravi Betulwala 29 May 2024 · 1 min read शरीफों में शराफ़त भी दिखाई हमने, शरीफों में शराफ़त भी दिखाई हमने, इज़्ज़त से इज़्ज़त भी कमाई हमने, हर कहीं सिर्फ.. तहज़ीब ही दिखाई जाये..ये जरुरी तो नहीं, हमेशा अच्छा रहने की कसम थोड़ी खायी है... Poetry Writing Challenge-3 · शेर 1 91 Share Ravi Betulwala 29 May 2024 · 1 min read तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा.. तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा.. चुपके से तेरे दिल ने... मुझसे मिलने का फैसला भी किया ही होगा, तुम नहीं मिलोगी मुझसे ये जानता... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 91 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read टिमटिम करते नभ के तारे टिमटिम करते नभ के तारे हमको क्या सिखलाते हैं? सूरज-चंदा दूर गगन से हमको क्या दिखलाते हैं? प्यारी चिड़िया अपनी धुन में बोलो क्या-क्या गाती है, न्यारी-सी फूलों की क्यारी... Poetry Writing Challenge-3 1 74 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read कहो वह कौन आता है? कहो वह कौन आता है? जिसे इतिहास ने मुड़कर, कहा सौ बार, आ जाओ, हाँ, वह कौन है जिसकी, बाधाएँ चुमती पग हैं? जिसको देखने आँखें, मचल उठती हैं सौ-सौ... Poetry Writing Challenge-3 1 75 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read घर द्वार बुलाए है अब तो लौट के आना होगा, तुझको घर द्वार बुलाए है। धान कटे, सरसों फूले, गेहूँ भी उग आए हैं। बारिश छूटी, सावन बीता, सर्दी के दिन आए हैं। अब... Poetry Writing Challenge-3 45 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read कुछ-न-कुछ तो करना होगा कुछ-न-कुछ तो करना होगा। खाली झोली भरना होगा। आए थे हम पशुओं जैसे, बड़े हुए हम पशुओं जैसे, पर हतभागी यौवन को अब रीता गागर भरना होगा। कुछ-न-कुछ तो करना... Poetry Writing Challenge-3 71 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read हे दीपशिखे! तुम सतत निरन्तर शत-सहस्र स्रोतों में बहती रहती हो, हे दीपशिखे ! दुनिया की मधुरमयी धारा में नित स्रोतस्विनी होकर तुम स्वतप्त पिघलती रहती हो, दीपशिखे ! तू प्राणमयी, तू... Poetry Writing Challenge-3 100 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read बचपन रोता-मुसकाता है जब भी जाता गाँव, दौड़कर बचपन मेरा आता है। सुबक-सुबक भीगी आँखों से मुझको गले लगाता है। वह छप्पर-छजनी का घर मुझे अब भी वहीं बुलाता है। जाऊँ जब भी,... Poetry Writing Challenge-3 54 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read चाँद ने एक दिन चाँदनी से कहा चाँद ने एक दिन चाँदनी से कहा तुम जनम भर निभाओगी वादा करो। चाहे कोई भी हो मेरी मजबूरियाँ, साथ छोड़ोगी ना तुम ये वादा करो। चाँद ने एक दिन.....................।... Poetry Writing Challenge-3 69 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read मैं रीत लिख रहा हूँ तुम प्यार लिख रहे हो, मैं गीत लिख रहा हूँ। जग का सार लिख रहे हो, मैं रीत लिख रहा हूँ। तुम्हें दर्द ने है मारा, मुझे प्यार ने संभाला,... Poetry Writing Challenge-3 57 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read दीप दीवाली का जगमग जगमग करता आया दीप दिवाली का अग-जग-मग को किया उजाला दीप दिवाली का। चलो रे, गाओ मिलजुलकर सब गीत दिवाली का जन जन का सन्देशा लाया दीप दिवाली का।... Poetry Writing Challenge-3 64 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read कैसे मैं प्रणय गीत लिख जाऊँ? जलता है संसार! कैसे मैं प्रणय गीत लिख जाऊँ? मानवता की हार ! कैसे मैं प्रणय गीत लिख जाऊँ? होठों पर चित्कार,हाय! आँखों से रिसता पानी। रक्त बूँद के लिए... Poetry Writing Challenge-3 44 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read तितली रानी तितली रानी, तितली रानी, कितनी प्यारी लगती हो। कली-कली पर, फूल-फूल पर, उड़ती हो, इतराती हो। इतने सुंदर, रंग - बिरंगे पंख कहाँ से लायी हो? सपनों से या परीदेश... Poetry Writing Challenge-3 66 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read तकदीर उस करसाज की लिखी होती हैं तकदीर इंसा के हाथों कभी गढ़ी होती है तकदीर कभी दर्दों गम का खुला पैगाम है तकदीर कभी खुशियों का भरा अंबार है तकदीर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल 62 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read चचहरा वोट खा। सदन चल। चाचा चारा खा। नल जल गटक। बिहार तिहाड़ बना। भतीजा नतीजा समझ, विद्यार्थी किताब पढ़। पाँच जाँच पास कर। सड़क पर टहल। 'मस्टरवा' कनस्तरवा बजा। अपना... Poetry Writing Challenge-3 58 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read सुमन प्रभात का खिला सुमन प्रभात का खिला गगन धरा से जा मिला ज्योति-किरण फूट पड़ी मस्त घवन टूट पड़ी। हिलती कमरिया गगरिया से बोलती- जलभर - जलभर, मनभर - मन भर ! नित्य... Poetry Writing Challenge-3 56 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read शब्दों की खेती शब्दों की है खेती अपनी शब्दों की है क्यारी, रंग-बिरंगे शब्द खिले हैं,अक्षर क्यारी-क्यारी। बीज शब्द का बोता हूँ पाता शब्दों की काया, बिन काया के घायल कर दे, शब्दों... Poetry Writing Challenge-3 51 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read बोल मजीरा बोल मजीरा, बोल, बोल। दुनिया मेरी गोल-गोल, मैं सबका अब खोलूँ पोल। बोल मजीरा...............। सूरज दादा गोल-गोल, चन्दा मामा गोल-गोल, तारा भैया गोल-गोल, धरती मैया गोल-गोल, नाच कन्हैया गोल-गोल। बोल... Poetry Writing Challenge-3 46 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read नववर्ष नव वर्ष तुम्हारा मंगल हो ! नव वर्ष हमारा मंगल हो ! कडवे-खारे, खट्टे-मीठे अनुभव का पिछला वर्ष रहा। धूप-छाँव के खेल में जीवन शोक-विषाद या हर्ष रहा। जो बीत... Poetry Writing Challenge-3 41 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read एक दीप तो जलता ही है चाहे नाव रहे अर्णव में चीखें दबी रहें कलरव में उभचुभ सत्य रहे रौरव में पांडव घिरे रहें कौरव में एक दीप तो जलता ही है, आशा का, आखिर आख़िर... Poetry Writing Challenge-3 58 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read त्राहि नाद विश्व देखता रहा अचम्भा, कैसा हाहाकार मचा है! त्राहित्राहि सब ओर नाद है, मृत्यु का सन्धान रचा है। कौन ?कहाँ? किस देश का वासी? जन जन अणु विष उगल रहा... Poetry Writing Challenge-3 83 Share कुमार अविनाश 'केसर' 29 May 2024 · 1 min read वह मुझसे ख़ुश रहती है मैं उससे रूठा करता हूँ, वह तो मुझसे खुश रहती है। जले ख़्वाब से काला धुँआ लेकर भी खुश रहती है। उसने अपना सब दे डाला जो था आँचल धानी... Poetry Writing Challenge-3 33 Share Previous Page 11 Next