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250 authors · 5361 posts
Page 12
समय लिखेगा कभी किसी दिन तेरा भी इतिहास
समय लिखेगा कभी किसी दिन तेरा भी इतिहास
कुमार अविनाश 'केसर'
विश्वास
विश्वास
कुमार अविनाश 'केसर'
समय
समय
कुमार अविनाश 'केसर'
मैं मज़दूर हूँ
मैं मज़दूर हूँ
कुमार अविनाश 'केसर'
आवाज
आवाज
Sumangal Singh Sikarwar
हे जगतारिणी
हे जगतारिणी
कुमार अविनाश 'केसर'
।। हमारे वीर जवान ।।
।। हमारे वीर जवान ।।
Priyank Upadhyay
ग़ज़ल (बड़ा है खिलाड़ी ,खिलाता है तू ..................).....................
ग़ज़ल (बड़ा है खिलाड़ी ,खिलाता है तू ..................).....................
डॉक्टर रागिनी
ग़ज़ल (याद ने उसकी सताया देर तक)
ग़ज़ल (याद ने उसकी सताया देर तक)
डॉक्टर रागिनी
कहीं तीसी फुला गईल
कहीं तीसी फुला गईल
कुमार अविनाश 'केसर'
ग़ज़ल (हुआ असर उनसे रू ब रू का)
ग़ज़ल (हुआ असर उनसे रू ब रू का)
डॉक्टर रागिनी
इशारा
इशारा
Sumangal Singh Sikarwar
ग़ज़ल (गहराइयाँ ग़ज़ल में.....)
ग़ज़ल (गहराइयाँ ग़ज़ल में.....)
डॉक्टर रागिनी
वो चेहरा
वो चेहरा
Sumangal Singh Sikarwar
आंगन
आंगन
Sumangal Singh Sikarwar
गीत- मिली है ज़िंदगी इसको...
गीत- मिली है ज़िंदगी इसको...
आर.एस. 'प्रीतम'
नवतपा की लव स्टोरी (व्यंग्य)
नवतपा की लव स्टोरी (व्यंग्य)
Santosh kumar Miri
सुखी कौन...
सुखी कौन...
R D Jangra
खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी
खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी
Awadhesh Singh
आएगा ज़माना उलटबांसी का, कह गये थे संत कबीर
आएगा ज़माना उलटबांसी का, कह गये थे संत कबीर
Shreedhar
कुछ असली दर्द हैं, कुछ बनावटी मुसर्रतें हैं
कुछ असली दर्द हैं, कुछ बनावटी मुसर्रतें हैं
Shreedhar
कुछ हम निभाते रहे, कुछ वो निभाते रहे
कुछ हम निभाते रहे, कुछ वो निभाते रहे
Shreedhar
आने दो कुँवार, खिलेगी सुनहरी धान
आने दो कुँवार, खिलेगी सुनहरी धान
Shreedhar
तुम्हारी गली से आने जाने लगे हैं
तुम्हारी गली से आने जाने लगे हैं
Shreedhar
गीत- बहुत गर्मी लिए रुत है...
गीत- बहुत गर्मी लिए रुत है...
आर.एस. 'प्रीतम'
सिर्फ़ तुम्हें सुनाना चाहता हूँ
सिर्फ़ तुम्हें सुनाना चाहता हूँ
Shreedhar
कुछ हम निभाते रहे, कुछ वो निभाते रहे
कुछ हम निभाते रहे, कुछ वो निभाते रहे
Shreedhar
हम हमेशा साथ रहेंगे
हम हमेशा साथ रहेंगे
Lovi Mishra
अतिथि
अतिथि
surenderpal vaidya
🌿मनमौजा🌿
🌿मनमौजा🌿
Madhuri mahakash
जबसे देखा शहर तुम्हारा, अपना शहर भूल गए
जबसे देखा शहर तुम्हारा, अपना शहर भूल गए
Shreedhar
जहाँ मुर्दे ही मुर्दे हों, वहाँ ज़िंदगी क्या करेगी
जहाँ मुर्दे ही मुर्दे हों, वहाँ ज़िंदगी क्या करेगी
Shreedhar
अब ठहरना चाहता हूँ, कुछ दिनों
अब ठहरना चाहता हूँ, कुछ दिनों
Shreedhar
फ़ानी है दौलतों की असलियत
फ़ानी है दौलतों की असलियत
Shreedhar
तक़दीर का क्या, कभी रूठी, कभी संभल गई
तक़दीर का क्या, कभी रूठी, कभी संभल गई
Shreedhar
दर्द-ओ-ग़म की टीस हंसाते रहती है
दर्द-ओ-ग़म की टीस हंसाते रहती है
Shreedhar
आते जाते रोज़, ख़ूँ-रेज़ी हादसे ही हादसे
आते जाते रोज़, ख़ूँ-रेज़ी हादसे ही हादसे
Shreedhar
मलता रहा हाथ बेचारा
मलता रहा हाथ बेचारा
manorath maharaj
फ़ासले ही फ़ासले हैं, मुझसे भी मेरे
फ़ासले ही फ़ासले हैं, मुझसे भी मेरे
Shreedhar
एक अधूरी कविता।
एक अधूरी कविता।
manorath maharaj
जब से देखा रास्ते बेईमानी से निकलते हैं
जब से देखा रास्ते बेईमानी से निकलते हैं
Shreedhar
गीत
गीत
Rambali Mishra
पहचान लेता हूँ उन्हें पोशीदा हिज़ाब में
पहचान लेता हूँ उन्हें पोशीदा हिज़ाब में
Shreedhar
दो ग़ज़ जमीं अपने वास्ते तलाश रहा हूँ
दो ग़ज़ जमीं अपने वास्ते तलाश रहा हूँ
Shreedhar
दिया जा रहा था शराब में थोड़ा जहर मुझे
दिया जा रहा था शराब में थोड़ा जहर मुझे
Shreedhar
जोख़िम दग़ा का अज़ीज़ों से ज़्यादा
जोख़िम दग़ा का अज़ीज़ों से ज़्यादा
Shreedhar
शाम वापसी का वादा, कोई कर नहीं सकता
शाम वापसी का वादा, कोई कर नहीं सकता
Shreedhar
‘मंज़र’ इश्क़ में शहीद है
‘मंज़र’ इश्क़ में शहीद है
Shreedhar
तुम कहो उम्र दरकिनार कर जाएं
तुम कहो उम्र दरकिनार कर जाएं
Shreedhar
मौसमों की माफ़िक़ लोग
मौसमों की माफ़िक़ लोग
Shreedhar
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