VEDANTA PATEL Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid VEDANTA PATEL 30 May 2024 · 1 min read आकांक्षा : उड़ान आसमान की....! “” अनुमान, लक्ष्य, साधना-संकल्प, धारणा, लगन, संसाधन-विकल्प… और एक आश एक विश्वास…! पर्वत से ऊँची राह, अपने मन से ही बातें होती.. अपने मन की है एक कल्पना, और लगन... Poetry Writing Challenge-3 83 Share VEDANTA PATEL 29 May 2024 · 2 min read चित्रगुप्त का जगत भ्रमण....! # चित्रगुप्त ने यम जी से कहा एक दिन , प्रभु मानवों के पास कुछ दिन के लिए जाना है...! उनके पास कुछ पल बीताना है...!! आज्ञा लेकर गुप्त जी... Poetry Writing Challenge-3 1 140 Share VEDANTA PATEL 29 May 2024 · 1 min read एक छोटी सी आश मेरे....! ” एक छोटी सी मेरी आशा चंचल… कहती है मुझे… चल अब चल, विंध्याचल...! ( प्रतीकात्मक भाव ) कुछ प्यास रख जिंदगी में… एक हौसले और अदम्य साहस… साथ रख... Poetry Writing Challenge-3 71 Share VEDANTA PATEL 28 May 2024 · 2 min read मन मेरा क्यों उदास है.....! " हम सब पास-पास हैं , फिर क्यों…? मन मेरा इतना उदास है...! चांद और सूरज भी है आस-पास... जो अनंत किरणों के है विन्यास...! सुरम्य शाम और मनोरम सवेरा... Poetry Writing Challenge-3 1 89 Share VEDANTA PATEL 27 May 2024 · 2 min read नारी : एक अतुल्य रचना....! " अरुणिमा नीरज कर रही है... तेरी गुणों की गौरव गान...! तू अद्भुत शक्ति की प्रतिरुप... तू ही शक्ति.. तू ही विश्वस्वरुपा , तू ही सर्वशक्तिमान...! तेरी रचना में ही... Poetry Writing Challenge-3 93 Share VEDANTA PATEL 27 May 2024 · 3 min read नदी तट पर मैं आवारा....! " नीम की पेड़… ओ नदी का किनारा…! अपने ही विचारों में खोया… ये मन आवारा…! विकास की गति कहूँ... या प्रगति का पथ कहूँ…! कितना अजीब है…. मेरे मन... Poetry Writing Challenge-3 131 Share VEDANTA PATEL 27 May 2024 · 1 min read पापा जी..! उन्हें भी कुछ समझाओ न...! " कई बार कही है मैंने पापा से... उन्हें भी कुछ समझाओ न, जिनकी निगाहों में , एक बोझ हूँ मैं...! जिनके विचारों में अपयश की... एक किस्सा हूँ मैं...!... Poetry Writing Challenge-3 1 98 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 3 min read आज, नदी क्यों इतना उदास है.....? " मैं नदी हूँ नदी... मुझे कुछ कहना है कहने दो...! सदियों से बहती रही... साथ सब कुछ लेकर मैं चलती रही ; आज भी मुझमें निर्मल नीर बह जाने... Poetry Writing Challenge-3 112 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 1 min read कुछ कहती है, सुन जरा....! " कुछ कहती हैं सुन जरा... नदी,नाले, सरोवर, बांध और झरनें... हैं हम सब….. प्रकृति के भाई और बहनें...! हमें न बिखरो तुम… विकास के नशे में झूम....! हो न... Poetry Writing Challenge-3 99 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 1 min read गुरु...! गूगल दोनों खड़े, काके लागूं पाय....! " आधुनिकता में कुछ भ्रम हुआ... गुरु गूगल दोनों खड़े काके लागूं पाय...! आधुनिकता की सोच बन गई है... गूगल इंजन को सर्च करो तो , सब कुछ इसमेें मिल... Poetry Writing Challenge-3 1 79 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 3 min read चौराहे पर....! " युवा मन अकेला था, चौराहे पर खड़ा... जाना है पर ..किधर , यही सोच में पड़ा था...! भीड़ की तादाद बहुत बड़ी थी, किससे पूछूं मैं राह सही... यही... Poetry Writing Challenge-3 1 107 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 2 min read चलना है मगर, संभलकर...! " चल उठ जीवन पथ के राही... कुछ कदम बढ़ा, भोर हो चला है कर ले कुछ हलचल...! उदित किरण की लाली (रवि किरण ) संग... बहती शीतल बयार संग...!... Poetry Writing Challenge-3 103 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 1 min read आ अब लौट चलें.....! " आ लौट चलें हम… उस गांव की ओर…. उस जंगल की छांव की ओर… जहां हमें सामाजिकता की एक परिभाषा मिला...! जहां हमें तन ढकने की एक विचार….. और... Poetry Writing Challenge-3 93 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 1 min read तुम आंखें बंद कर लेना....! " उजालों में... जब कोई नज़र न आए….! मुश्किल घड़ी में… जब किसी का साथ छुट जाए…! मन की आश जब कभी... बिखर जाए….! अगर तुमको… जब कोई बहकाए…! फिर…... Poetry Writing Challenge-3 110 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 2 min read आ मिल कर साथ चलते हैं....! " आ मिल कर साथ चलते हैं.... इस राह (जिंदगी ) पर… ! चल कुछ नव-निर्माण करते हैं... इस राह पर….! कौन जाने..? इस सफ़र का... है अंत कहाँ…..! आज... Poetry Writing Challenge-3 122 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 1 min read तेरी पनाह.....! ” देख आज भी है… कुल्हाड़ी के कितने प्रहार….! लेकिन अब भी है… प्रकृति की छटा बरकरार….!! न कोई बंधन है , हम से… न है , कोई करार….! आज... Poetry Writing Challenge-3 78 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 1 min read सफ़र जिंदगी के.....! ” इस सफ़र के छोर कहाँ तक है… कुछ पता नहीं….! ये बंधन के डोर मजबूत है कितनी… कुछ पता नहीं….! ये सांसों के स्पंदन कब तक है… कुछ पता... Poetry Writing Challenge-3 1 101 Share VEDANTA PATEL 26 May 2024 · 1 min read एक दीप हर रोज जले....! ” हर घर… हर द्वार… फूलों से महकती सारा संसार मिले..! रोशनी से चमकता हर द्वार… हर रोज एक दीप जले…! दीया और बाती का मिलन… दुःखी मन को कुछ... Poetry Writing Challenge-3 83 Share VEDANTA PATEL 25 May 2024 · 1 min read आ बढ़ चलें मंजिल की ओर....! " बीते दिनों की यादें... और नये सत्र की शुरुआत... फिर नई उत्साह....! नई उमंग.... उन्नत कक्षा में जाने की चाह...! नया लक्ष्य... और बढ़ते मजबूत कदम, चला फिर ख्वाहिशों... Poetry Writing Challenge-3 1 79 Share VEDANTA PATEL 25 May 2024 · 1 min read अ-परिभाषित जिंदगी.....! "" कहीं मौज-मस्ती से भरी सफ़र... कहीं अनजानी राहों की डगर...! कभी कुछ न मिलने का ग़म... कभी कुछ कम मिलने की हताश कहर..! कभी कुछ पा लेने की बेचैनी...... Poetry Writing Challenge-3 1 93 Share VEDANTA PATEL 25 May 2024 · 1 min read प्रेम : तेरे तालाश में....! " आने की तारीख है यहां... जाने का कुछ पता नहीं...! कुछ पल ही शेष है यहां... जो भी हो, यही पल ही विशेष है यहां...! कुछ खट्टे-मीठे अनुभवों की... Poetry Writing Challenge-3 1 104 Share VEDANTA PATEL 25 May 2024 · 1 min read माँ : तेरी आंचल में.....! " माँ...! तेरी रचना का ही, मैं एक आकार हूँ...! तेरी आंचल की... अनुपम पुष्प-हार हूँ...! अतुल्य तेरी ममता में ही पल्लवित... मैं एक अलंकार हूँ...! किसी कलाकार की... उकेरी... Poetry Writing Challenge-3 1 82 Share VEDANTA PATEL 25 May 2024 · 1 min read कृति : माँ तेरी बातें सुन....! " माँ...! मैं कभी भी तुझे... बहुत कुछ कह जाती हूँ...! अपनी सीमा भी लांघ जाती हूँ... शरारत की अंबार झड़ी बन जाती हूँ..! मैं क्यों...? अपनी ज़िद में अड़... Poetry Writing Challenge-3 1 103 Share VEDANTA PATEL 25 May 2024 · 1 min read खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....! " बहुत पढ़ा-लिखा है मैंने... घर की दीवार पर... डिग्रियां बहुत सारे संजो रखा है मैंने...! घर-परिवार, रिश्ते-नातेदार, दोस्त-यार... आस-पास अपने, बहुत पूछ-परख है मेरे...! इसी अहंकार से... आलिशान महल... Poetry Writing Challenge-3 1 115 Share VEDANTA PATEL 25 May 2024 · 1 min read कल की भाग दौड़ में....! " वर्तमान... शायद गूंगा है... या फिर मौन है...! देखता है, सब कुछ... प्रतीत है उसे अतीत की बातें... मगर क्यों ख़ामोश है...? बातें कुछ पुरानी... यूं ही दुहराता रहा...!... Poetry Writing Challenge-3 1 88 Share