Dr fauzia Naseem shad Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read आप में आपका इससे बढ़ कर पता नहीं कुछ भी। आप में आपका नहीं कुछ भी । कह भी सकता था अलविदा हमसे । उसने हमसे कहा नहीं कुछ भी । खुद को... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 150 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read हमें क़िस्मत ने ज़िंदगी ने कहाँ सताया है, हमें क़िस्मत ने आज़माया है। याद रक्खा नहीं भुलाया है। दिल मेरा किस क़दर दुखाया है। लौट आओगे एक दिन तुम भी, दीप उम्मीद का... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 87 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read बिछड़कर मुझे बिछड़कर मुझे तुम मुद्दत हुई है। तुम्हें क्या ख़बर कैसी हालात हुई है। मुझे शायरी की जो चाहत हुई है। ज़माने को क्यूं इस पे हैरत हुई है। कहां तुमको... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 167 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read कुछ तो मेरी वफ़ा का चलना था साथ-साथ हमारे तुम्हें मगर, रस्ते में तन्हा छोड़ के अच्छा नहीं किया। कुछ तो मेरी वफाओं का रख लेते तुम भरम, हाथ अपने तुमने जोड़ के अच्छा नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 146 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read दिल में एहसास दिल में एहसास भर नहीं पाये । तुमको छूकर गुज़र नहीं पाये । इतने नज़दीक तेरे आकर भी, हाय ! हम क्यों बिखर नहीं पाये। कैसी मजबूरियां थी किस्मत में,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 162 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read क्या कहें कितना प्यार करते हैं क्या कहें कितना प्यार करते हैं। जो भी है बे' शुमार करते हैं। दिल को बस बे'क़रार करते हैं, खवाह-मखाह इंतज़ार करते हैं। कैसे आये न एतबार हमें । जब... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 167 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read तुमको खोकर ज़िंदगानी में ऐसा हाल न हो। तुमको खोकर मुझे मलाल न हो॥ मुख़्तलिफ़ लोग साथ रह लेंगे, दरमियां सोच का बवाल न हो। भीग जाएगा अश्को से दामन । मेरे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 88 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read अपने दिल से तेरे नज़दीक आ भी सकते हैं। अपने दिल से लगा भी सकते हैं। कोई परदा नहीं है तुझसे मेरा, अपनी नज़रे झुका भी सकते हैं। ज़िंदगी तुझसे है मेरे हमदम,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 109 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read मेरा दामन भी तार- तार रहा दिल पे कब मेरा इख़्तियार रहा । दिल हमेशा ही बे'क़रार रहा ।। शिद्तों में जो बे'शुमार रहा । मेरी आंखों का इंतिज़ार रहा ।। वो हमें भूल ही नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 78 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read दर्द आंखों से अजनबी जैसा हम से मिलता है। दर्द आँखों से तब पिधलता है।॥ जान जाती है उस के जाने से । ख़्वाहिशों का भी दम निकलता है। टूटता है यकीन खुद... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 99 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read कुछ नमी अपने साथ लाता है कुछ नमी, अपने साथ लाता है। जब भी तेरा ख़्याल आता है।। देख कर ही सुकून मिलता है। तेरा चेहरा नज़र को भाता है।। कुछ भी रहता नहीं है यादों... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 96 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read दिल किसी से दुश्मनी इस तरह निबाहेगा । वो तेरी हाँ में हाँ मिलायेगा ॥ टूट जाएगा काँच की मानिंद । दिल किसी से अगर लगायेगा ।। हाय ये दूरियाँ है दिल वाली... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 146 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read फूल है और मेरा चेहरा है हमने माना अभी अंधेरा है। पास लेकिन बहुत सवेरा है।। मैल दिल में कोई नहीं रखना । दिल में रख का अगर बसेरा है। छीन लेता है साथ अपनों का।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 5 131 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read दर्द लफ़ज़ों में नैन अपने यूँ ही न खोये हैं। दर्द लफ़्ज़ों में लिख के रोये हैं।। जागी आँखें गवाही दे देंगी । नींद अपनी कभी न सोचे हैं।। दिल शिकस्ता नहीं हुआ... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 117 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read दिल नहीं ऐतबार मेरी ख़्वाहिश ने मुझ को लूटा है, ख़्वाब देखा जो मैने, झूठा है। यूँ ही तुम से खफा नहीं हैं हम , दिल नहीं, ऐतबार टूटा है। कुछ नहीं तुझ... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 139 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read दिल में भी दिल में भी, इत्मिनान रखेंगे, फ़ासला दरमियान रक्खेंगे । आप की सोच मुखत्लिफ़ हम से, हम भी इसका ध्यान रक्खेंगे । वार तुम पर तो कर नहीं सकते, ख़ाली अपनी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 154 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read कुछ तो बाक़ी ज़िन्दगी बे’जवाब रहने दो । मेरी पलकों पे ख़्वाब रहने दो।। खुद की इस्लाह कर सकूं मैं भी । मुझको कुछ तो खराब रहने दो।। इतने ज़्यादा गुनाह नहीं अच्छे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 140 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read आपसा हम जो फूल से हम जो खिल नहीं पाये । तुम से मिलना था मिल नहीं पाये ।। दर्द रिसता है आज भी उन से । ज़ख्म दिल के जो सिल नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 142 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read दिल का तुमसे सवाल हम ये कैसा मलाल कर बैठे, दिल का तुम से सवाल कर बैठे । प्यार करना हमें न आया मगर, इश्क में हम कमाल कर बैठे । खोये थे हम... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 133 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read जीत कर तुमसे हर ख़ुशी तुम पे वार जायेंगे। जीत कर तुमसे हार जायेंगे। ज़िन्दगी, मुस्कुरा के हम तेरा, क़र्ज़ सारा उतार जायेंगे। पेशरू दिक़्क़तें तभी होंगी, आप हद से जो पार जायेंगे।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 5 131 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read याद रक्खा नहीं भुलाया है ज़िंदगी ने कहाँ सताया है। हमको क़िस्मत ने आज़माया है। याद रक्खा नहीं भुलाया है। दिल मेरा किस क़दर दुखाया है। लौट आओगे एक दिन तुम भी, दीप उम्मीद का... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 116 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read जुदा नहीं होना आप हम से ख़फ़ा नहीं होना। चाहे कुछ हो जुदा नहीं होना। बद्दुआ देके तुम किसी को भी, अपने 'रब' का बुरा नहीं होना। तुम भी इंसा हो ये ख़्याल... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 5 110 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read दर्द अपना ख़ुद को यूं ही निखार लेते हैं। दर्द अपना संवार लेते हैं। देख लेते हैं आईना जब भी, अपनी नज़रे उतार लेते हैं। बे’खुदी में शुमार मत करना, तुमको अक्सर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 5 173 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read आप में आपका आपको क्या पता नहीं कुछ भी। आप में आपका नहीं कुछ भी। कह भी सकता था अलविदा लेकिन, उसने मुझसे कहा नहीं कुछ भी। जिसकी मुझको तलाश है अब तक,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 193 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read मलाल न था तुमको मेरा कभी ख़्याल न था। कैसे कह दूँ मुझे मलाल न था।। पढ़ के जिसको उलझ गये इतना। लफ़्ज़ सादा थे, कोई जाल न था।। जिसकी ख़ातिर, वार ते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 154 Share