Rajesh Kumar Kaurav Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajesh Kumar Kaurav 24 May 2024 · 1 min read भाग्य भाग्य बना है कर्म से,कहते वेद पुराण। ज्ञानी वक्ता सब कहें,मिलते धरा प्रमाण ।। जिसके जैसे कर्म हो,बैसा बनता भाग्य । संचित अरु प्रारब्ध से , कुयोग या सौभाग्य।। जैसा... Poetry Writing Challenge-3 · दोहा 1 69 Share Rajesh Kumar Kaurav 24 May 2024 · 1 min read गर्मी ऋतु चक्र कब रुकता प्रकृति पोषित व्यस्तता एक ही यदि ऋतु रहती जीवन शैली अलग होती कहते हैं विज्ञानी लोग तप्ती गर्मी से वर्षा योग ठंड निवारण करती गर्मी धीरे... Poetry Writing Challenge-3 1 53 Share Rajesh Kumar Kaurav 24 May 2024 · 1 min read युग बदल गया कलयुग में त्रेतायुग आया,अवध विराजे राम। दर्शन करने दूर देश से,आते लोग तमाम। साधु संत सब महिमा गाते,भक्त करें जयकार। त्रेता जैसी लगे अयोध्या,सजा राम दरबार । कुछ आते है... Poetry Writing Challenge-3 54 Share Rajesh Kumar Kaurav 24 May 2024 · 1 min read नजर सोरठा नजर नजर का भेद,जिसकी जैसी भावना । नजर परख मतभेद,नजर देख पहचानना।। नजर जुड़े का खेल,प्यार स्वयं में झलकता । बढ जाता है मेल,नजर करे जब करिश्मा।। नजर फेरते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 53 Share Rajesh Kumar Kaurav 20 May 2024 · 1 min read गीता सार कृष्ण वअर्जुन संवाद,महाभारत विवाद, कर्म पथ हो स्वीकार,गीता सार जानिए । मत कर अभिमान,निश्चित ईश विधान, प्रतिभा है उपहार,गीता सार जानिए । आत्मा तो होती अमर,देह नाश ही समर, देह... Poetry Writing Challenge-3 64 Share Rajesh Kumar Kaurav 19 May 2024 · 1 min read पुस्तक है जीवंत देवता पुस्तक । ज्ञान दीप दुनिया नत मस्तक।। नित्य नियम से जो जन पढता। बुद्धिमान हर क्षेत्र सफलता।। धर्म कर्म अरु ज्ञान कहानी । पुस्तक महिमा वेद बखानी।।... Poetry Writing Challenge-3 73 Share Rajesh Kumar Kaurav 19 May 2024 · 1 min read कवि परिचय कवियों की महफ़िल में कवि परिचय दे रहे थे कोई राष्ट्रीय कुछ अंतर्राष्ट्रीय अपने को कह रहे थे मेरे परिचय का क्रम आया क्या परिचय बताऊँ हिम्मत करके बोल पड़ा... Poetry Writing Challenge-3 91 Share Rajesh Kumar Kaurav 19 May 2024 · 1 min read कुल मर्यादा पूछ लिया कुरुवंशी से क्यों दुर्योधन अन्यायी पांडव पुत्रों को लेकर गलत नीति क्यों अपनाई । राज-पाट की बातें छोड़ो रत्ती भर भूमि नहीं दी थी विद्वानों के रहते भी... Poetry Writing Challenge-3 1 97 Share Rajesh Kumar Kaurav 19 May 2024 · 1 min read कवि मन मन की बात कवि मन सागर की तरह, लहरें उठें अपार। कवियों का चिंतन मनन,गढता विविध विचार ।। करता ऐसी कल्पना ,बन जाता इतिहास। खोज परक कवि साधना,मानव करे विकास।।... Poetry Writing Challenge-3 48 Share Rajesh Kumar Kaurav 19 May 2024 · 1 min read वक्त की करवट वक्त बदलता करवटें,अनजाने में रोज। दुनिया के इंसान सब,रहे युगों से खोज ।। जान न पाए आज तक ,कल कैसा हो वक्त। कब होगा खुशियों भरा ,कब आयेगा सक्त।। वक्त... Poetry Writing Challenge-3 · दोहा 88 Share Rajesh Kumar Kaurav 18 May 2024 · 1 min read विदाई जो भी आये जग में भाई । उनकी निश्चित होत विदाई ।। जग रह जाती उनकी बानी। मान रहे भौतिक विज्ञानी ।। शब्द ध्वनि ब्रह्मांड समाती। परा रूप धरती पर... Poetry Writing Challenge-3 45 Share Rajesh Kumar Kaurav 18 May 2024 · 1 min read सज्जन सज्जन वह जो करे भलाई । पर उपकार करे वह भाई।। यश प्रशंसा का नहीं भूखा। श्रम कर खाता रूखा सूखा।। जन जन से व्यवहार शलीना। स्वार्थ त्याग कर परहित... Poetry Writing Challenge-3 1 57 Share Rajesh Kumar Kaurav 18 May 2024 · 1 min read मित्रता मित्रता की परख के लिए यंत्र नहीं है माप के लिए विपत्ति में जो साथ निभाते सच्चे मित्र वह सब के लिए । हाथ मिलाते तो है सब से रास्ते... Poetry Writing Challenge-3 1 41 Share Rajesh Kumar Kaurav 18 May 2024 · 1 min read सच्चे रिश्ते सच्चे रिश्ते है वहाँ, जहाँ नहीं मन भेद। आपस में मिलजुल सभी , दूर करें मतभेद।। दोष कभी नहि ढूंढते,अच्छे गुण नित खोज। सच्चा रिश्ता पालते,हो प्रसन्न हर रोज ।।... Poetry Writing Challenge-3 1 55 Share Rajesh Kumar Kaurav 18 May 2024 · 1 min read नर हो न निराश नर हो न निराश करो मन को । करो धन्य इस मानव तन को।। देव तुल्य तन प्रभु से पाया । मात पिता गुरु धर्म सिखाया।। कर्म फलित का दिया... Poetry Writing Challenge-3 1 65 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 May 2024 · 1 min read श्राद्ध आल्हा छंद गजब कहानी श्राद्ध पक्ष की,पितर पूजते सारे लोग । खीर पुड़ी पकवान बनाते,लगा रहे नित नित नय भोग। जिंदा में नहीं करि आरती, तर्पण द्वारा करते मेल। कौओं... Poetry Writing Challenge-3 47 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 May 2024 · 1 min read सत्य एक श्री राम क्यों होता हैरान मानव खोज रहा क्यों सत्य तू तुझ में मुझ में हर प्राणी में पहचान ले अब सत्य तू दूर नहीं है सत्य तुझसे सत्य बसा है पास... Poetry Writing Challenge-3 40 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 May 2024 · 1 min read भाव हमारे निर्मल कर दो मन मेरा भटक रहा है , फँसा है माया जाल में । पूजे मैने कई दिवाले , उलझा विधि विधान में । अब आ पहुंचा शरण तुम्हारी , माँ गायत्री... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 55 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 May 2024 · 1 min read संवेदना भूल गये संवेदना, स्वार्थ भरा व्यवहार । तर्क शील मानव हुआ, अपने तक परिवार।। पति पत्नी संतान हित,जिते कुछ इंसान। सिमट गई संवेदना,हृदय बसा अभिमान।। मान प्रतिष्ठा के लिए,करता खोटे... Poetry Writing Challenge-3 1 46 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 May 2024 · 1 min read कुदरत समय समय पर कुदरत भी , रौंद रूप दिखला देती। मानव करता जब जब गलती, अपना परिचय दे देती। माँ बनकर करती है पोषण, कष्ट जगत के सह लेती ।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 90 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 May 2024 · 1 min read संस्कार संस्कारों के कारण ही , मानव जन्म विशेष है । पेट प्रजनन संग्रह गुण, सब प्राणियों में एक है । संस्कारों के ही बल पर, इंसान सभी से श्रेष्ट है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 77 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 May 2024 · 1 min read पूजन भगवान को नहीं जरूरत घी दूध मिष्ठान्न की। कमी नहीं है प्रभु के पास पत्र पुष्प अनाज की। पूजा पाठ भक्ति भावना श्रद्धा व विश्वास की। निर्मल मन स्वीकार प्रभु... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 68 Share Rajesh Kumar Kaurav 16 May 2024 · 1 min read राम भजन सरसी छन्द राम जपो या जप लो कृष्णा,दोनों प्रभु के नाम। राम अयोध्या में जन्मे थे, कृष्णा मथुरा धाम। प्रभू राम त्रेता युग आए,कृष्णा द्वापर नाम । अब आ जाओ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 47 Share Rajesh Kumar Kaurav 16 May 2024 · 1 min read हनुमान अष्टक हनुमानाष्टक राम भक्त हनुमान समाना। संकट मोचक को बलवाना।। तुलसी दास लिखी बहु महिमा। हनुमान अष्टक की गरिमा ।। आठ पद्य तुलसी जी गाये। अष्टक नाम पद्य कहलाये ।। बाल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 69 Share Rajesh Kumar Kaurav 16 May 2024 · 1 min read वंदना विनायक वंदना गणपति जी के द्वादश नामा। शुरू करें जपकर हर कामा।। नाम विनायक उनमें एका। सुमिरन करते जगे विवेका। सुमुख कपिल एकदंत गजानन। धूम्रकेतु विकट विघ्ननाशन।। गजकर्णक लम्बोदर कहते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 39 Share