Posts "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 92 authors · 325 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Dr MusafiR BaithA 24 Apr 2024 · 1 min read सुख का मुकाबला उस अमीर का सुख मुझे बहुत विपन्न दिखा और उस गरीब का सुख बहुत सम्पन्न एक चेहरे पर सुख गर्व सजा मग़र सूजा दिखा था जबकि दूजा मुख मुझे दुख... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 57 Share Madhuri mahakash 24 Apr 2024 · 2 min read बहती गंगा सदा ही मेरे पास है बहती गंगा सदा ही मेरे पास है ********************* खोजते हैं वो टूटे सितारे कहीं बंद मुट्ठी में मेरे तो आकाश है, क्या करूंगी उफनते समंदर का मैं बहती गंगा सदा... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 6 2 75 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 24 Apr 2024 · 1 min read बदल रहा परिवेश बढ़ती जाती आपाधापी बदल रहा परिवेश हमारा। अंधाधुंध कट रहे हैं वन बढ़ता जाता सतत प्रदूषण होती जाती हवा विषैली वनीकरण अब केवल नारा। बदल रहा परिवेश हमारा ऊंचाई की... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 2 45 Share Ritu Asooja 24 Apr 2024 · 1 min read संवेदना कहाँ लुप्त हुयी.. संवेदना कहाँ लुप्त हुयी.. अंहकार के पैरों में गिरी स्वार्थ ने कुचल दी.. संवेदना बिचारी सहम गयी संवेदना घुट-घुट दम तोड़ रही.. मृग तृष्णा सी दुनियां में, अंध छलावा हो... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 9 2 92 Share Dr MusafiR BaithA 24 Apr 2024 · 1 min read उसका दुःख मेरी प्रतिक्रिया पाकर उसे भारी दुःख पहुँचा था इस बार वह मेरी प्रतिक्रियाओं में सुख को पाने पालने का अभ्यासी था पेड़ से गिर बिना खजूर पर अटके धरती को... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 54 Share Shriyansh Gupta 24 Apr 2024 · 1 min read वैसा न रहा जैसा था जो, अब वैसा न रहा हर बात का अब एक अर्थ न रहा। हर बात का मतलब अलग हर किसी के लिए, रिश्तों के भी मायने अलग हर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 2 82 Share Deepesh Dwivedi 24 Apr 2024 · 1 min read कही-अनकही वे शब्द जो मैंने कहे नहीं, वे गीत जो तुमने सुने नहीं तुम मन अधरों से छू देना सारे मुखरित हो जाएंगे कल को यह देह रही न रही पर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 2 1 54 Share Sandeep Barmaiya 24 Apr 2024 · 1 min read यही है वो संवेदना है ये धूप छांव कायाम नही संवेदनाये कोई आम नही जीवन का हर एक पहलू है उम्मीद किरण की आग है वो दिल करता है वो ही सही दिल भरता है... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · Poetry · कविता 3 76 Share Kanchan Alok Malu 24 Apr 2024 · 1 min read एक गरीब माँ की आँखों में तपती भूख, एक गरीब माँ की आँखों में तपती भूख, दिन-रात का लड़ाई, जीवन की अनबुझ छूट। सोने के सपने जगाए, जब भूख सताए रात, खाली पेट भरी आँखों से उम्मीद की... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 4 2 73 Share Shankar N aanjna 24 Apr 2024 · 1 min read सवेंदना सवेंदना, विश्वास की खोज, जीवन का अद्वितीय खिलवाड़, विचारों की उड़ान, भावनाओं का संगीत, सवेंदना है, नये सपनों की चाह। आँखों में छुपी बातें, दिल की कहानी, जज़्बातों का सवारा,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 75 Share Shankar N aanjna 24 Apr 2024 · 1 min read काला पानी आज़ादी का धान करूँ तो, केवल दिखती एक कहानी ! केवल सम्मुख शोणित की, वर्षा केवल दिखता काला पानी !! केवल वीरों की हुकार, केवल भारत की पुकार ! केवल... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 67 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 24 Apr 2024 · 1 min read बहे संवेदन रुप बयार🙏 बहे संवेदन रुप बयार🙏 ☘️❤️☘️🙏🍀❤️☘️ बहे बयार देखा है सबने आकार प्रकार बिकराल हिलते डुलते टूटते देखा रंग सलोना देखा किसने स्पर्श स्पंदनअनुभव ज्ञान गंघ सुगंध स्पर्श पहचान तमस तपी... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 87 Share Kanchan Alok Malu 24 Apr 2024 · 1 min read विचारों का संगम, भावनाओं की धारा, विचारों का संगम, भावनाओं की धारा, संवेदना की कविता, रचना करूं बार-बार। दिल की गहराइयों से उतरी धड़कनों की आवाज़, संवेदना का सागर, जो ना हो कभी थमता राज। खुशियों... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 1 60 Share डॉ नवीन जोशी 'नवल' 24 Apr 2024 · 1 min read संवेदना (वृद्धावस्था) शीर्ष थे परिवार में, ज्यों व्योम के तुम प्रथम तारे ओ विपिन के वट-विटप, अब शून्य में किसको निहारे ! जोड़कर तृण-तृण तुम्हीं ने, दिवस ना कुछ रात देखा, पर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 1 172 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 24 Apr 2024 · 1 min read दिल से निकले हाय मरती जब संवेदना, दिल से निकले हाय। सितम आखरी ही सही, नोच-नोच कर खाय।। "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 1 135 Share Ritu Asooja 24 Apr 2024 · 1 min read संवेदना प्रकृति का आधार संवेदनशील होना साधारण बात नहीं संवेदनाऐं प्रकृति प्रदत दिव्य उपहार है संवेदना ही मनुष्य को मनुष्य होने का एहसास कराती है। जाने कहाँ से उपजा होगा संवेदनाओं का अथाह सागर...... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 2 2 104 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Apr 2024 · 1 min read शिक्षा मां उसे शैशव से जिगर का टुकड़ा कहती रही उसी की संवेदनाओं में वह प्रतिपल बहती रही अपने मुंह का निवाला खिलाया है उसको ममत्व के जल से हर रोज... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 3 57 Share ललकार भारद्वाज 23 Apr 2024 · 1 min read जन्मोत्सव अंजनि के लाल का राम दास और राम दुलारे। राम को अपने हृदय धारे।। राम भजन जो गाते हरदम। राम बिना ना स्वास को धारे।। राम हैं जिनमे राम के जो हैं। राम पे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 2 52 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 23 Apr 2024 · 1 min read मूक संवेदना🙏 मूक संवेदना रूह की वाणी🙏 ☘️🍀🍀🌹🌹🍀☘️ क्षिति जल पावक गगनसमीरा पंचतत्व रचि अधम शरीरा इंद्रिय मानसिक जागरूकता अनुभूति महसूस भाव गणिता भावना वेदना अनुभव प्रकृता स्पर्श स्वाद गंध श्रवण दृश्यता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 119 Share Dr MusafiR BaithA 23 Apr 2024 · 2 min read बचपन की बारिश बचपन की बारिश में यादों का दखल अब भी जीवन में बचा बसा है इतना कि भींग जाता है जब तब उसकी गुदगुदी से सारा तनमन मेरे समय के नंग... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 74 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Apr 2024 · 1 min read संवेदनायें संवेदना किसी भी वेदना का कारण होती हैं ये संवेदनाएं ही हैं जो निवारण भी करती हैं संवेदनाओं की अपनी होती एक निजी भाषा बिना शब्दों के आँखों में परिभाषा... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 11 285 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 23 Apr 2024 · 1 min read उॅंगली मेरी ओर उठी उँगली मेरी ओर उठी मैं मौन हुआ जाता हूँ मानव नहीं मिल रहा ढूँढ़े किसको गुरू बनाऊँ किससे कुछ सीखूँ मैं किसके सम्मुख शीश झुकाऊँ बरस रहे हैं व्यंग्य चतुर्दिक... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 2 49 Share Karuna Bhalla 23 Apr 2024 · 1 min read संवेदना स्नेह संवाद संवेदना की बात चली तो लगा संवेदना के गलियारों में स्नेह के साथ अथाह प्रेम है साथ ही भीगे आँसुओं का गहरा समन्दर है आहों की कविता दर्द... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 4 55 Share Ritu Asooja 23 Apr 2024 · 1 min read संवेदना की बाती सहयोग मीठा एहसास है ह्रदय में संवेदना परस्पर प्रेम को जीवन का गणित बना।। स्वार्थ बना सर्वोपरी, संवेदना मानों मरी कौन किसका है यहां, स्वार्थ ही सब कुछ हुआ।। मैं-मैं... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 5 88 Share Shweta Soni 23 Apr 2024 · 1 min read संवेदना संवेदना से शून्य होना आदमी के पतन का आभास देता है क्या प्रेम,, क्या अपराध क्या- क्या दया..क्या आघात क्या दोनों में दोनों का विरोधाभास देता है मरघट पे जाकर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 4 59 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 23 Apr 2024 · 1 min read लेकर सांस उधार मरी हुई संवेदना, साधे शर उर पार। भाव बेचारे सिसकें, लेकर सांस उधार।। "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · दोहा 3 131 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read अस्तित्व पत्थर पर गिरते ही शीशा चूर-चूर होता है ! और शीशे पर पत्थर पड़ते ही , शीशा चूर-चूर बिखरता है ! हर बार शीशे को तोड़कर पत्थर अपनी ह़स्ती जताता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 82 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read पत्थर की अभिलाषा राह पर पड़े पत्थर ने सोचा इक दिन यह भी क्या जीवन है ? नित प्रतिदिन ठोकरें खाता फिरता हूं ! दिशाहीन मैं इधर-उधर लुढ़कता टूटता बिखरता रहता हूं !... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 64 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read संदेश अंतर्मन तिमिर नष्ट हो , जागृत हो आशा किरण , स्पंदित हो सद्भाव , नष्ट हो व्याप्त घृणा विकिरण , प्रेम मुदित मनस बने , संचरित हो सद् विचार ,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 59 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read काव्य भावना किसलय की मुस्कान बनी , मृगनयनी का श्रृंगार बनी , चंद्र किरण चंचल किरणों का वर्णन बनी, नभ आच्छादित नक्षत्र मंडल सौंदर्य भान बनी , रवि आगम प्रकाश पुंजों का... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 74 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read प्रतिशोध क्रोध , वैमनस्य, प्रतिस्पर्धा की उत्पत्ति , विवेक भंजन नकारात्मक संहारक शक्ति , अंतस अनल उत्सर्जित दहन भावना , घृणा प्रेरित विनाशक प्रतिकार कामना , ह्रदय कंटक बनी कष्ट कारक... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 93 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम एक लगन है , इसमें रहते प्रेमी मगन हैं , यह हृदय से हृदय का स्पंदन है , यह बुझाए ना बुझे वह अगन है , यह एक सतत... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 80 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read सत्याधार का अवसान सत्य क्यों इतना प्रतीत निष्ठुर है ? असत्य क्यों इतना प्रतीत मधुर है ? क्यों सत्य सबसे अलग इतना एकाकी पड़ गया है ? क्यों असत्य का साथ देने वालों... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 43 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read जीवन संगीत समय के आगार पर मानव क्षण भर का मेहमान है , सांसों के तार पर रचित जीवन संगीत के धुनों की पहचान है , कभी मिलन ,कभी विरह , कभी... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 71 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read संघर्ष संघर्ष जीवन में निरंतर विद्यमान रहता है , जो विभिन्न रूपों में प्रभावित करता रहता है , कभी खुद अपने शरीर एवं मनस से , कभी अपने दृष्टिकोण एवं मान्यताओं... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 53 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read मुस्कान शिशु की स्मित मुस्कान करती हृदय प्रफुल्लित , पलभर में दुःखों को भूलकर मन होता आनंदित , निर्विकार परमेश्वर की वह साकार अबोध कृति , उसमें स्फुरित अपरिमित विकीर्ण वह... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 48 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read जीवन एक मृगतृष्णा जीवन एक मृगतृष्णा है , जिसमें आसक्ति अपनी ओर आकर्षित करती है , आत्मीय संबंधों की विभक्ति अंतर्वेदना निर्मित करती है , स्वप्निल आशाओं ,आकांक्षाओं , अभिलाषाओं के मनस पटल... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 30 Share Ritu Asooja 23 Apr 2024 · 1 min read संवेदना की आस संवेदना की आस पर, जी रहे हैं सब यहां एक दूजे के प्रेम से जीवन का यथार्थ यहां।। वसुन्धरा का उपकार बढा, भार जो सबका सहा.. मुझमें हो जो संवेदना,धरती... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 2 83 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read जीवनमंथन मैं कौन हूं ? कहां से आया था? कहां जाना है? इन सबसे अनिभिज्ञ कुछ पाकर खुश होता, कुछ खोकर दुःखी होता, अपने अहं में डूबा हुआ भ्रम टूटने पर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 54 Share Dr MusafiR BaithA 23 Apr 2024 · 1 min read नए पुराने रूटीन के याचक नए साल के पहले दिन लोगों का नया रूटीन है धर्मस्थलों पर जुटे हैं वे अपने कर्तव्य अकर्तव्य अपने आराध्यों को सौंपकर अगले तीन सौ पैंसठ दिन के कील कांटे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 50 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read यथार्थ कल्पना लोक में विचरण कितना सुखद होता है , परंतु उस व्योम के बादल छंटने पर यथार्थ का अनुभव दुःखद होता है, हम समझ नही पाते सत्य सदैव कड़वा होता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 59 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read अहं मुँह अंधेरे सवेरे किसी ने मुझे झिंझोड़कर जगाया, उठकर देखा तो सामने एक साए को खड़ा पाया, मैंने पूछा कौन हो तुम? तुमने मुझे क्यों जगाया? उसने कहा मैं तुम्हारा... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 39 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read भाव - श्रृंखला समुद्र से विशाल अंतर्मन निहित गतिशील भावनाओं की तरंगें, कभी अभिनव कल्पनाओं विभोर उमंगें, कभी नियति प्रभावित संतप्त मनोभाव, कभी परिस्थितिजन्य असहाय भाव, कभी अंतरतम मनोबल क्षीणता भाव, कभी आत्मविश्वास,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 73 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read अंदर का चोर घर के पिछले दरवाजे से चुपके से घुसने वाला वो कोई चोर नहीं है, वह घर वाला है जिसके दिल में बैठा चोर वही है, यह दिल में बैठा चोर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 61 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 2 min read गौमाता की व्यथा मैं उसे रोज अपने दरवाजे पर आते देखा करता.! कातर दृष्टि से व्यक्त उसकी मूक याचना देखा करता ! उसे कुछ बासी रोटियों से तृप्त आभार व्यक्त करते देखा करता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 79 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read जीवन संवाद एक दिन चींटी ने मधुमक्खी से कहा, तुम्हारे और मेरे जीवन का लक्ष्य परिश्रम है, मैं परिश्रमरत् संघर्षपूर्ण जीवन निर्वाह करती हूं, तुम भी जीवन भर परिश्रम कर मधुसंचय करती... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 68 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read अस्तित्व कभी किसी शिल्पकार की मूर्ति में, कभी किसी चित्रकार की कृति में, कभी किसी कवि की भावाभिव्यक्ति में, कभी किसी गायक के गायन श्रुति में, कभी किसी वादक के वाद्य... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 55 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Apr 2024 · 1 min read भक्षक सब कुछ गड़बड़ झाला है भक्षक ही रखवाला है। सच कोई कह ही न पाए मुख पर पड गया ताला है । अब किससे उम्मीद बची है सब कारनामा काला... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · संवेदना 3 88 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read आत्मसंवाद एक दिन मन ने प्रज्ञा से कहा, तुम मुझ पर हमेशा लगाम लगाए रखती हो, मुझे अपने मर्जी की नहीं करने देती हो, मैं उन्मुक्त रहना चाहती हूं, अपनी उड़ान... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 47 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Apr 2024 · 1 min read संवेदनशीलता मानव की पहचान घाव मरहम से छिपाए जाते है, कभी नही सबको दिखलाए जाते है। खुले अगर तो संक्रमण तय है। और घाव बढने का भी तो भय है। मक्खी केवल घाव खोजकर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · संवेदना 3 2 86 Share Previous Page 5 Next