उमा झा "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid उमा झा 5 May 2024 · 1 min read मजदूर की करुणा हे ईश्वर तेरी माया के आगे, विवश पड़े मजदूर अभागे। थे रहते जब अपने गाँव, गुंडा गर्दी के मुख चढते दाँव। गाँव गाँव धनवानों की रहती गुंडा गर्दी, मरने वालों... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 1 92 Share उमा झा 4 May 2024 · 1 min read पराधीन सत्य कहा है तुलसीदास, पराधीन होने से उत्तम है वनवास । अधीनस्थ रहने वाले ही होते दोषी, स्नेह, सहानुभूति कहाँ कहलाते परपोषी। होता सदा उनका जीवन धरती का भार, ढोता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 63 Share उमा झा 4 May 2024 · 1 min read दुविधा संघर्षपूर्ण है मेरा जीवन, विश्वनाथ नगर की गलियों मे, एक तरफ है माँ का आँचल, एक तरफ कर्तव्य खड़ा है, है दुविधा अब मेरी, किसको गले लगाऊँ, या किसका भेदन... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 70 Share उमा झा 1 May 2024 · 3 min read वेदना किसी नगर में एक राजा था । उसका स्वभाव, कहा नहीं जा सकता है कि वह कैसा है? उसके राज्य में प्रजा का जीवन यापन हो रहा था पर---। एक... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 54 Share उमा झा 1 May 2024 · 1 min read करुणभाव एक शिकारी जंगल पहुँचा, करने को, शिकार। जोश भरी थी मन में ऐसी, धून था शीश सवार। जाल बिछाया, दाना डाला, छुप गया झाड़ी पार। तभी अचानक एक हिरणी का,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 64 Share उमा झा 22 Apr 2024 · 11 min read विचित्र समय समय पर एक अफवाह उड़ाए जाते हैं और लोगों को मूर्ख बनाए जा रहे हैं ।कौन ऐसा रोग फिर आया है जो एक-दूसरे के सटने मात्र से हो जाता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 2 51 Share उमा झा 21 Apr 2024 · 1 min read बाल श्रमिक फटे अधर, नयनाश्रु लिये कहा बालमन, सुन माँ धरणी, सुन पिता गगन । है क्या मेरा निर्छिन्न अपराध अपार, श्रमिक पांत खड़ा हूँ विवश लाचार। हुई ईश्वर की ऐश्वर्यशक्ति आज... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 3 67 Share उमा झा 21 Apr 2024 · 1 min read शिशु – – – शिशु – – – हे जग के पालनहार जन्म देकर तू क्या किया, स्नेह सुधा गंग धार, बिन बताए मुझसे छीन लिया, मिलना था, माँ का आंचर नंगी धरती पर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 68 Share