नेताम आर सी "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नेताम आर सी 5 May 2024 · 1 min read इसीलिए तो कहता हूं, संवेदनाएं जिंदा रखो। किसी की दुःख, किसी की तकलीफ का, तुम्हें एहसास नहीं होता, तो, तुम जिंदा लाश हो। संवेदना जब मर जाती है, तो असंवेदनशील हो जाती है। इसीलिए तो कहता हूं,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 92 Share नेताम आर सी 3 May 2024 · 1 min read संवेदना "संवेदना" ******** मैं सोच में हूं, क्या संवेदना बचीं है। हमें अपने से ज्यादा, गैरों के सम्मान की फिक्र होती थी। आज दूर्भावना इतनी है, कि मैं सोच में हूं,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 94 Share