Madhuri mahakash "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Madhuri mahakash 24 Apr 2024 · 2 min read बहती गंगा सदा ही मेरे पास है बहती गंगा सदा ही मेरे पास है ********************* खोजते हैं वो टूटे सितारे कहीं बंद मुट्ठी में मेरे तो आकाश है, क्या करूंगी उफनते समंदर का मैं बहती गंगा सदा... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 6 2 77 Share