Dr. Ramesh Kumar Nirmesh "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 3 May 2024 · 1 min read नादान परिंदा नादान परिंदा बेचारा फंस गया देख मुलायम चारा। मना किया था माता ने विश्वास न करना मानव पे। चिकनी चुपड़ी बात ये करते मन मे बहुत पाप है धरते। बिन... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 99 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 2 May 2024 · 1 min read नव्य द्वीप का रहने वाला नव्य द्वीप का रहने वाला ले आया हूँ प्रेम की गागर, चाह मेरी की अब समेट लू तेरे प्यार की पूरी सागर। भर भर के अतिरेक प्रेम था सदा किया... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 100 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 2 May 2024 · 1 min read हिस्से की धूप तुम्हारे हिस्से की कुछ धूप को हमने चुराया है, कुछ रस्म बेवफाई का हमने निभाया है। कटे जो हाथ अपना तो सुनो अहसास होता है, कटा दूजे का कर तो... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 92 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 2 May 2024 · 1 min read पापा तेरे जाना सुनो पापा सहा नहि जाता मुझसे है तेरे बिन दूभर है जीना कहूँ ये दास्तां किससे है। लिखे कुर्बानिया तेरी किसी के बस नहीं पापा कलम ऐसी विधाता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 104 Share