Kanchan verma "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Kanchan verma 4 May 2024 · 1 min read संवेदना संवेदना मनुष्य होकर भी मनुष्यता से हीन है। पशु सम निरा मानव,संवेदना विहीन है। न हो हृदय में दर्द पीड़ितों को देखकर , हृदय शून्य व्यक्ति वह स्वार्थ में प्रवीण... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 2 80 Share